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कोलकाता में डॉक्टरों को धरना जारी राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग
kolkata, Doctors continue protest , intervention from President

कोलकाता । आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर की दुष्कर्म एवं हत्या के विरोध में जूनियर डॉक्टरों का धरना शुक्रवार को भी जारी रहा। राज्य सरकार से गुरुवार को प्रस्तावित वार्ता शुरू होने से पहले ही खत्म होने के बाद अब हड़ताली डॉक्टरों ने ई-मेल भेजकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को भी इस ई-मेल की प्रति भेजी है। हालांकि, राष्ट्रपति भवन से अभी कोई जवाब नहीं मिला है।

 

जूनियर डॉक्टरों ने भारी बारिश के बावजूद स्वास्थ्य भवन के सामने अपने विरोध प्रदर्शन को जारी रखा। डॉक्टरों ने खुद ही त्रिपाल पकड़ कर बारिश से बचते हुए 'हमें न्याय चाहिए' के नारे लगाए। कई डॉक्टरों ने रेनकोट पहनकर भी विरोध जारी रखा। इनके समर्थन में कुछ सीनियर डॉक्टर भी हैं और आम लोग भी इसमें शामिल हुए। आसपास बैरिकेडिंग कर पुलिस भी डटी हुई है। हालांकि डॉक्टरों के लिए सारी व्यवस्थाएं आम लोग कर रहे हैं।

गुरुवार रात ममता बनर्जी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद जूनियर डॉक्टरों ने मीडिया से कहा कि हम सिर्फ न्याय की मांग को लेकर नवान्न तक पहुंचे थे। भविष्य में ऐसे किसी भी घटना को रोकने के लिए दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। हम मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भरोसा कर यहां आए थे। हम कुर्सी नहीं चाहते, हमें सिर्फ न्याय चाहिए। हम 33 दिन से सड़कों पर हैं, जरूरत पड़ी तो 33 दिन और सड़क पर रहेंगे।

गुरुवार को नवान्न में बैठक के विफल होने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा, "मैं तीन दिनों में भी समाधान नहीं निकाल पाई, इसके लिए बंगाल की जनता से माफी मांगती हूं। नवान्न के सामने आकर भी जो लोग बैठक में शामिल नहीं हुए, उन्हें मैं माफ करती हूं। मुझे बहुत अपमान सहना पड़ा है, मेरी सरकार का अपमान हुआ है। बहुत सी गलतफहमियां और अफवाहें फैली हैं। अगर जरूरत पड़ी, तो मैं इस्तीफा देने को तैयार हूं। लेकिन वे न्याय नहीं चाहते, वे कुर्सी चाहते हैं। मुझे उम्मीद है कि जनता इसे समझेगी।"

उल्लेखनीय है कि गुरुवार को राज्य सचिवालय नवान्न की ओर से आंदोलनकारियों को पत्र भेजा गया था, जिसमें मुख्यमंत्री के साथ चर्चा का प्रस्ताव दिया गया था। हालांकि, केवल 15 प्रतिनिधियों को नवान्न में बुलाया गया था और यह भी कहा गया था कि बैठक का लाइव प्रसारण नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद 32 प्रतिनिधि बैठक के लिए पहुंचे, जिन्हें प्रवेश की अनुमति दी गई। सरकार ने बैठक के लाइव प्रसारण की अनुमति नहीं दी, जिसके कारण गतिरोध बना रहा। मुख्यमंत्री बनर्जी ने लगभग दो घंटे तक सभागार में इंतजार किया लेकिन बैठक नहीं हो सकी। उन्होंने इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी स्थिति स्पष्ट की और बंगाल की जनता से माफी मांगी।

 

MadhyaBharat 13 September 2024

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