Since: 23-09-2009
कोलकाता । आरजी कर मेडिकल कालेज ऐंड अस्पताल कांड के खिलाफ पिछले 38 दिन से धरने पर बैठे जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन के सामने आखिरकार ममता बनर्जी सरकार को झुकना पड़ा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और जूनियर डॉक्टरों के बीच सोमवार रात पांच घंटे तक चली बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री ने आंदोलनकारी डॉक्टरों की अधिकांश मांगों को स्वीकार कर लिया। डॉक्टरों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक इन आश्वासनों पर अमल नहीं होता, वे अपने कार्यस्थल पर वापस नहीं लौटेंगे।
बैठक सोमवार शाम सात बजे से शुरू होकर देर रात 12 बजे तक चली। बैठक के बाद जूनियर डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल सॉल्टलेक स्थित धरना स्थल पर लौट आया। डॉक्टरों ने कहा कि बैठक सकारात्मक रही और सरकार ने उनके कई प्रमुख मुद्दों को हल करने की दिशा में कदम उठाए हैं। ममता बनर्जी ने पत्रकारों को बताया कि उन्होंने डॉक्टरों की 99 प्रतिशत मांगें मान ली हैं। उन्होंने कहा, "हमने उनकी लगभग सभी मांगों को स्वीकार कर लिया है, अब और क्या कर सकते हैं?"
मुख्यमंत्री ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों की पांच मांगों में से पहली मांग सीबीआई और अदालत के अधिकार क्षेत्र में आती है। शेष चार मांगों में से तीन पर सरकार सहमत हो गई है। ममता बनर्जी ने घोषणा की कि मंगलवार को कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल को उनके पद से हटा दिया जाएगा। इसके साथ ही स्वास्थ्य निदेशक कौस्तुभ नायक और स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक देवाशीष हलदर को भी उनके पद से हटाया जा रहा है।
जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधि ने धरना स्थल पर कहा, “राज्य सरकार ने हमारी मांगों के सामने झुक कर हमारे आंदोलन की जीत मानी है। यह जीत केवल डॉक्टरों की नहीं है, बल्कि यह आम जनता, नर्सों और पूरे स्वास्थ्य समुदाय की जीत है। जब तक दिए गए आश्वासन लागू नहीं हो जाते, तब तक हम अपने आंदोलन को समाप्त नहीं करेंगे।”
मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों से अपील की कि वे अपने काम पर लौटें, खासकर जब राज्य बाढ़, डेंगू और मलेरिया जैसी स्वास्थ्य आपदाओं का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा, "हमने डॉक्टरों की सभी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है। अब हमें उम्मीद है कि वे जल्द ही अपने कर्तव्यों पर लौटेंगे।"हालांकि, डॉक्टरों ने कहा कि वे पहले अपने साथियों से विचार-विमर्श करेंगे और उसके बाद ही कोई अंतिम निर्णय लेंगे। डॉक्टरों की एक मुख्य मांग यह भी है कि स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रहे भ्रष्टाचार और 'धमकी कल्चर' को जड़ से खत्म किया जाए, जिसे लेकर भविष्य में सरकार से बातचीत की संभावना खुली रहेगी।
साथ ही, यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और कोर्ट की सुनवाई के बाद डॉक्टर कोई भी निर्णय लेंगे। आज मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।
MadhyaBharat
17 September 2024
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.
Created By: Medha Innovation & Development
|