Since: 23-09-2009
नई दिल्ली । कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सिद्धारमैया की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने भू आवंटन मामले में उनके विरुद्ध जांच के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा दी गयी मंजूरी को चुनौती दी थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने निशाना साधते हुए मंगलवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से इस्तीफे की मांग की। मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) के भूखंड आवंटन मामले से जुड़े कथित घोटाले की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच करने की मांग की।
भाजपा मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सिद्धारमैया की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने भू आवंटन मामले में उनके विरुद्ध जांच के लिए राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा दी गयी मंजूरी को चुनौती दी थी। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने राज्यपाल की कार्रवाई को सही ठहराया है, इसलिए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को अपने पद से तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।
चंद्रशेखर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पार्टी सत्ता में आने के लिए चुनाव के दौरान झूठे वादे करती है और इसका एकमात्र उद्देश्य भ्रष्टाचार करना है। सिद्धारमैया ने केवल राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस की परंपरा को जारी रखा है, जिसमें वह झूठे और फर्जी वादे करके गरीबों के कल्याण के नाम पर शासन में आते हैं, लेकिन अपने परिवार को समृद्ध करते रहते हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा (एमयूडीए) पॉश क्षेत्र में उनकी पत्नी को किये गये 14 भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में उनके खिलाफ राज्यपाल थारवरचंद गहलोत द्वारा दी गयी जांच की मंजूरी को न्यायालय में चुनौती दी थी। सिद्धारमैया ने राज्यपाल के आदेश की वैधता को 19 अगस्त को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। इस याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने 12 सितंबर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
MadhyaBharat
All Rights Reserved ©2025 MadhyaBharat News.
Created By:
![]() |