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शिमला । हिमाचल प्रदेश में रेहड़ी-फहड़ी की दुकानों और भोजनालयों पर नेम प्लेट लगाने संबंध में शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह के एक बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। इसके बाद विक्रमादित्य सिंह बैकफुट पर आ गए हैं। एक दिन पहले विक्रमादित्य सिंह ने कहा था कि उत्तर प्रदेश की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश के स्ट्रीट वेंडर्स को भी अपनी नेम प्लेट और आईडी लगानी होगी। शहरी मंत्री के बयान पर राज्य की सुक्खू सरकार ने गुरुवार को एक स्पष्टीकरण जारी बताया कि अभी तक राज्य सरकार ने ऐसे किसी भी फैसले को अभी लागू नहीं किया है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया है कि स्ट्रीट वेंडर्स नीति के संबंध में समाज के विभिन्न वर्गों से सुझाव प्राप्त हुए हैं और इस मामले के हर पहलू पर संवेदनशीलता के साथ विचार किया जा रहा है। सुक्खू सरकार की ओर से विक्रेताओं के लिए अपनी दुकानों पर नेम प्लेट या अन्य पहचान अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करने के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। प्रदेश सरकार स्ट्रीट वेंडर्स से संबंधित मुद्दों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस सन्दर्भ में निर्णय लेने से पूर्व सभी सुझावों पर संवेदनशीलता से विचार किया जाएगा।
प्रवक्ता ने कहा कि इस संदर्भ में संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान की अध्यक्षता में कांग्रेस और भाजपा विधायकों की एक समिति का गठन किया गया है। ग्रामीण विकास एवं पंचायती मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, विधायक अनिल शर्मा, सतपाल सती, रणधीर शर्मा और हरीश जनारथा इस समिति के सदस्य हैं। प्रवक्ता ने बताया कि समिति इस मामले में प्रदेश सरकार को अपनी सिफारिशें देने से पूर्व विभिन्न हितधारकों के सुझावों की समीक्षा करेगी। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल इन सिफारिशों का गहनता से मूल्यांकन करने के उपरांत ही कोई अन्तिम निर्णय लेगा।
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