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मुंबई । विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि झिरवाल के नेतृत्व में आदिवासी विधायकों ने शुक्रवार काे एसटी प्रवर्ग से धनगर समाज को आरक्षण न देने और एसटी प्रवर्ग के छात्रों को पेशा कानून के तहत नौकरी देने की मांग को मंत्रालय की तीसरी मंजिल से कूद
कर अपना विरोध जताया। हालांकि वहां नीचे लगे जाल से किसी को कोई खास चोट नहीं आई। आदिवासी के विधायकों ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को इस बाबत तत्काल निर्णय लेने की मांग की है।
शुक्रवार को विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि झिरवल, कांग्रेस विधायक हिरामण खोसकर सहित कई विधायक मंत्रालय की तीसरी मंजिल
से नीचे लगी संरक्षण जाल पर कूद कर अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाया। विधायकों की इस कारस्तानी से मंत्रालय में हड़कंप मच गया। पुलिस ने जाल पर कूदे विधायकों सुरक्षित बाहर निकाला। इसके बाद इन सभी विधायकों ने मंत्रालय के चौथी मंजिल पर स्थित समाज कल्याण कार्यालय के समक्ष अपना आंदोलन शुरू कर दिया है। इस आंदोलन में सत्तापक्ष-विपक्ष के विधायकों के साथ भाजपा के सांसद हेमंत सावरा भी शामिल हैं।
विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि झिरवाल ने पत्रकारों को बताया कि सरकार एसटी प्रवर्ग से धनगर समाज को आरक्षण देने का विचार कर रही है। इससे आदिवासी समाज आक्रोशित है। इसी तरह आदिवासी समाज के छात्र पिछले 17 दिन से पेशा कानून के तहत नियुक्ति पाने के आंदोलन कर रहे हैं। इन सभी छात्रों ने परीक्षा दे दी है और नियुक्ति की प्रतीक्षा कर रहे हैं। उनकी मांग पर सरकार विचार नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज के लोग सरकार के विरोध में कोई अनुचित कदम न उठाएं, इसी वजह से उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने के लिए समय मांगा था। मुख्यमंत्री ने समय नहीं दिया, इसी वजह से आदिवासी समाज के विधायक आंदोलन कर रहे हैं। झिरवल ने कहा कि किसी भी पद होने से पहले वे आदिवासी हैं, इसलिए वे आदिवासियों की समस्या को लेकर आंदोलन करते रहेंगे।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय बडेट्टीवार ने कहा कि सरकार किसी भी वर्ग को न्याय नहीं दे रही है, हर वर्ग परेशान है। सरकार में बैठे लोगों को मिलने का समय मुख्यमंत्री नहीं दे रहे हैं। राज्य की 14 करोड़ जनता इस सरकार की गलत नीतियों से परेशान हो गई और चुनाव का इंतजार कर रही है।
MadhyaBharat
4 October 2024
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