Since: 23-09-2009
मुंबई । प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का बुधवार देर रात निधन हो गया। वे 86 साल के थे। बढ़ती उम्र की समस्याओं को लेकर उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। टाटा समूह ने रतन टाटा के निधन की पुष्टि की है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रतन टाटा के निधन पर दुख जताया है। मोदी ने अपने पोस्ट में रतन टाटा को दूरदर्शी बिजनेस लीडर, एक दयालु व्यक्ति और असाधारण इंसान बताया।
वहीं, टाटा समूह ने रतन टाटा के निधन की पुष्टि करने के साथ एक बयान जारी किया है। जिसमे कहा गया है कि यह उनके लिए बहुत बड़ी क्षति है। बयान में आगे कहा गया है कि उन्होंने न सिर्फ टाटा समूह को बल्कि देश को भी आगे बढ़ाया है।
टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने उनके निधन के बाद कहा कि हम अत्यंत क्षति की भावना के साथ श्री रतन नवल टाटा को विदाई दे रहे हैं। वह वास्तव में एक असाधारण नेता हैं जिनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा समूह बल्कि हमारे राष्ट्र के मूल ढांचे को भी आकार दिया है।
उन्होंने आगे कहा कि “टाटा समूह के लिए रतन टाटा एक चेयरपर्सन से कहीं अधिक थे। मेरे लिए वह एक गुरु, मार्गदर्शक और मित्र थे। उन्होंने उदाहरण पेश कर प्रेरित किया। उत्कृष्टता, अखंडता और नवाचार के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ टाटा समूह ने उनके नेतृत्व में अपने वैश्विक पदचिह्न का विस्तार किया। वह हमेशा अपने नैतिक सिद्धांतों के प्रति सच्चे रहे।”
हर्ष गोयनका ने रतन टाटा के निधन पर शोक जताते हुए एक्स में लिखा, रतन टाटा ईमानदारी, नैतिक नेतृत्व और परोपकार की मिसाल थे। उन्होंने बिजनेस और उससे अलग भी दुनिया पर एक अमिट छाप छोड़ी है। वह हमारी स्मृतियों में सदैव ऊंचे रहेंगे।
गौतम अदाणी ने एक्स पर लिखा, “भारत ने एक महान, दूरदर्शी व्यक्ति को खो दिया है जिसने आधुनिक भारत की राह को फिर से परिभाषित किया। रतन टाटा सिर्फ एक बिजनेस लीडर नहीं थे, उन्होंने अखंडता, करुणा और व्यापक भलाई के प्रति अटूट प्रतिबद्धता के साथ देश की भावना को मूर्त रूप दिया। उनके जैसे महापुरुषों की चमक कभी फीकी नहीं पड़ती।”
उल्लेखनीय है कि रतन टाटा का जन्म 28 सितंबर 1937 को हुआ था। उन्हें एक अरबपति होने के साथ ही एक सहदृय, सरल और नेक व्यक्ति के रूप में देखा जाता है। भारत के कारोबारी जगत में रतन टाटा के योगदान की काफी अहमियत है। उन्हें भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण (2008) और पद्म भूषण (2000) से सम्मानित किए जा चुका है। वह प्रतिष्ठित कैथेड्रल और जॉन कानोन स्कूल, बिशप कॉटन स्कूल (शिमला), कॉर्नेल यूनिवर्सिटी और हार्वर्ड के पूर्व छात्र हैं।
MadhyaBharat
10 October 2024
All Rights Reserved ©2024 MadhyaBharat News.
Created By: Medha Innovation & Development
|