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नई दिल्ली । राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार के समावेशी प्रयासों से नागरिक उड्डयन क्षेत्र में महिलाओं की प्रगति को बढ़ावा मिला है। उन्होंने कहा कि अब अधिक से अधिक महिलाएं विमानन को अपने करियर के रूप में चुन रही हैं।
राष्ट्रपति मुर्मु आज राष्ट्रपति भवन में भारतीय विमानन क्षेत्र में उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाओं के एक समूह के साथ बातचीत कर रही थीं। यह बैठक “द प्रेसिडेंट विद द पीपल” पहल के तहत हुई, जिसका उद्देश्य लोगों के साथ गहरा जुड़ाव स्थापित करना और उनके योगदान को मान्यता देना है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार के समावेशी प्रयासों से नागरिक उड्डयन क्षेत्र में महिलाओं की प्रगति को बढ़ावा मिला है। अब अधिक से अधिक महिलाएं विमानन को अपने करियर के रूप में चुन रही हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विमानन उद्योग में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के साथ-साथ इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए समान अवसर भी आवश्यक हैं।
उन्होंने कहा कि भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र में महिलाएं विभिन्न परिचालन और तकनीकी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि 15 प्रतिशत एयर ट्रैफिक कंट्रोलर महिलाएं हैं, 11 प्रतिशत फ्लाइट डिस्पैचर महिलाएं हैं और 9 प्रतिशत एयरोस्पेस इंजीनियर महिलाएं हैं। उन्होंने कहा कि पिछले साल वाणिज्यिक लाइसेंस प्राप्त करने वाली 18 प्रतिशत पायलट महिलाएं थीं। उन्होंने उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाओं की सराहना करते हुए कहा कि वे अभिनव सोच रखती हैं और नए रास्ते पर चलने का साहस रखती हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा और उचित प्रशिक्षण के अलावा परिवार का सहयोग भी महत्वपूर्ण है। अक्सर देखा जाता है कि कई महिलाएं उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी परिवार से सहयोग न मिलने के कारण अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाती हैं। उन्होंने सफल महिलाओं से आग्रह किया कि वे अन्य महिलाओं के लिए मार्गदर्शक बनें और उन्हें अपना करियर चुनने और अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रोत्साहित करें।
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