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नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को झारखंड विधानसभा चुनावों का शंखनाद करते हुए कहा कि कोल्हान ने जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी की अत्याचारी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए कमर कस ली है। उन्होंने कहा कि कोल्हान इस बार नया इतिहास रचने जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने झारखंड के चाईबासा में भाजपा की दूसरी चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड की ये भूमि, जनजातीय गौरव, जनजातीय मान-मर्यादा की साक्षी रही है। ये माटी उस आदिवासी शौर्य की साक्षी रही है, जिसने भारत की आजादी, भारत की संस्कृति और विरासत की रक्षा की है। इस धरा ने भगवान बिरसा मुंडा, चांद भैरव, तिलका मांझी, नीलाम्बर-पीताम्बर, सिदो-कान्हू जैसे अनगिनत वीरों को जन्म दिया है। उन्होंने कहा, “इतिहास गवाह है कि कैसे कोल्हान ने अत्याचारी अंग्रेजी सेना को टक्कर दी थी, आज फिर कोल्हान ने जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी की अत्याचारी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए कमर कस ली है। हर कोई कह रहा है कि कोल्हान नया इतिहास रचने जा रहा है। जो सालों साल नहीं हुआ, वो इस साल होने जा रहा है। इस चाईबासा की विशाल रैली का संदेश भी यही है।”
उल्लेखनीय है कि झारखंड के कोल्हान की 14 सीटों पर औसतन 20 से 25 प्रतिशत आदिवासी मतदाता हैं। इसके साथ ही कुड़मी और अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता भी काफी संख्या में हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने आदिवासी अधिकारों और सशक्तीकरण के महत्व को प्राथमिकता दी। उन्होंने आदिवासी समुदायों के प्रति भाजपा की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भाजपा के लिए आदिवासी भाई-बहनों की आकांक्षा और स्वाभिमान हमेशा सर्वोपरि रहा है। जब पहली बार भाजपा सरकार बनी और दिल्ली में अटल बिहारी वाजपेयी को सेवा करने का अवसर मिला, तब जाकर आदिवासी समाज को छत्तीसगढ़ और झारखंड दो अलग राज्य मिले।
कांग्रेस और राजद को आदिवासी अधिकारों का सबसे बड़ा विरोधी करार देते हुए प्रधानमंत्री ने 8 सितंबर 1980 में तत्कालीन बिहार में हुए गुवा गोली कांड को याद किया। इसमें 11 आदिवासी बलिदान हुए थे। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के समान कांग्रेस ने भी उस समय आदिवासियों का खून बहाकर वैसी ही बर्बरता की थी। वे आदिवासी केवल अलग झारखंड राज्य की मांग कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उस समय आरजेडी के नेता भी कहते थे कि झारखंड उनकी लाश पर बनेगा। जो आरजेडी झारखंड बनाने को सहमत नहीं था, आज जेएमएम उस आरजेडी की गोद में बैठ गई है।
उन्होंने कहा कि "बाबा साहेब अंबेडकर ने हमारे आदिवासी समुदायों के अधिकारों की रक्षा के लिए आदिवासी आरक्षण की शुरुआत की। हालांकि, उस समय भी नेहरूजी ने इस आरक्षण का विरोध किया था।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा अपने शासन में आदिवासी कल्याण और प्रतिनिधित्व को प्राथमिकता देना जारी रखेगी। उन्होंने भरोसा दिलाया, “आपका दिया गया हर एक वोट विकास की गारंटी देगा और हमारी आदिवासी विरासत की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करेगा।”
उन्होंने कहा कि भारत को विकसित बनाने के लिए आदिवासी समाज का विकास की मुख्यधारा से जुड़ना बहुत जरूरी है। ये आदिवासी समाज की उचित भागीदारी के बिना संभव नहीं है, इसलिए भाजपा ने आदिवासी भागीदारी पर हमेशा बल दिया है।
MadhyaBharat
4 November 2024
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