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भोपाल । उमरिया में हाथियों की मौत पर सियासत जारी है। विपक्ष लगातार पूरे मामले काे लेकर हमलावर बना हुआ है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने हाथियाें की माैत पर सवाल उठाते हुए, मामले की सीबीआई या न्यायिक जांच की मांग की है।
कमलनाथ ने मंगलवार काे साेशल मीडिया एक्स पर पाेस्ट करते हुए लिखा बांधवगढ़ नेशनल पार्क में 10 हाथियों की मृत्यु को करीब एक हफ्ता बीत चुका है लेकिन दोषियों को पकड़ना तो दूर मध्य प्रदेश सरकार अब तक हाथियों की मृत्यु के कारण को भी स्पष्ट नहीं कर सकी है।यह अत्यंत चिंता का विषय है। एक तरफ तो वन्य जीवों का जीवन खतरे में है तो दूसरी तरफ यह भी दिखाई देता है कि मध्य प्रदेश का वन विभाग वन्य प्राणियों की रक्षा करने में पूरी तरह असमर्थ है।
कमलनाथ ने आगे कहा कि प्रदेश की जांच एजेंसियां या तो पूरी तरह अकर्मण्य है या फिर उनके पास इतनी सुविधा ही नहीं है कि वह हाथियों की मृत्यु की उचित जांच कर सकें। ऐसे में मैं मुख्यमंत्री मोहन यादव जी से अपील करता हूं कि वह 10 हाथियों की मृत्यु की या तो सीबीआई जांच कराएं या फिर न्यायिक जांच के आदेश दें। क्योंकि निष्पक्ष जांच न होने से वन्य प्राणियों के जीवन पर खतरा बना रहेगा और जो भी लोग इसके पीछे हैं वह खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे। इस तरह के अपराधों को दोहराने की हिमाकत करेंगे। मैं आशा करता हूं कि मुख्यमंत्री जी मेरी इस मांग को गंभीरता से लेंगे और प्रदेश में वन्य जीवन की सुरक्षा की दृष्टि से इस दिशा में तत्काल कदम उठाएंगे।
बता दें कि उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक के बाद एक 10 हाथियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। मध्य प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की है। वहीं मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने लापरवाही बरतने वाले दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। मुख्यमंत्री ने वन विभाग को मध्य प्रदेश में एलिफेंट टॉस्क फोर्स गठित करने के निर्देश दिए। फिलहाल हाथियों की मौत के मामले में जांच की जा रही है।
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