Since: 23-09-2009

  Latest News :
अहमदाबाद विमान दुर्घटना: अब तक 135 मृतकों के डीएनए सैंपल का मिलान.   राजा रघुवंशी हत्याकांड: क्राइम सीन \'रीक्रिएट\' करने सोहरा पहुंची मेघालय पुलिस.   अहमदाबाद से लंदन जाने वाली उड़ान रद्द.   शुरुआती तेजी के बाद गिरावट के साथ बंद हुआ शेयर बाजार.   मणिपुर में भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद.   डोनाल्ड ट्रंप ने जी-7 शिखर सम्मेलन बीच में छोड़ा.   हमीदिया कॉलेज-मस्जिद विवाद पर गरमाई राजनीति.   प्रदेश सरकार सामाजिक संवेदनशीलता और जनभावनाओं के प्रति प्रतिबद्ध: उप मुख्यमंत्री देवड़ा.   मप्र में नौ साल बाद राज्य के सरकारी कर्मचारियों को मिलेगी पदोन्नति.   कांग्रेस का जन जागरण अभियान रानजीतिक रोटियां सेंकने की नौटंकी: वीडी शर्मा.   इंदौर निगम के सहायक अधीक्षक चेतन पाटिल के घर और दफ्तर पर ईओडब्ल्यू का छापा.   पगारा के जंगल से चीता परिवार को अलग-अलग पिंजरों में ले गये कूनो अभ्यारण्य.   राजस्व प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण नहीं करने वाले अधिकारियों पर होगी कार्यवाही: राजस्व मंत्री वर्मा.   प्रधानमंत्री माेदी के नेतृत्व में भारत सुरक्षित एवं सशक्त : सांसद चिंतामणि महाराज.   मोदी सरकार के 11 साल की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने भाजपा बनाएगी योजना : उप मुख्यमंत्री .   छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र 14 जुलाई से.   तेज रफ्तार बाइक सड़क किनारे लगी साईन बोर्ड से टकराई.   हाथी के हमले से महिला की मौत.  
व्यापारी समुदाय सम्मान का पात्र व्यवस्था का दबाव महसूस न करें: उपराष्ट्रपति
new delhi, Business community ,deserves respect

नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि व्यापार, व्यवसाय, वाणिज्य और उद्योग से जुड़े लोगों को व्यवस्था का दबाव महसूस नहीं होना चाहिए। वे समाज में सम्मान के पात्र हैं और अर्थव्यवस्था के चालक तथा सामाजिक सद्भाव में योगदानकर्ता हैं।

 

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ रविवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में महाराजा अग्रसेन टेक्निकल एजुकेशन सोसाइटी (मेट्स) के रजत जयंती समारोह के समापन काे संबोधित कर रहे थे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि ‘आर्थिक राष्ट्रवाद’ के सिद्धांतों का पालन करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विदेशी मुद्रा बचाने और स्थानीय उद्योग को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है कि अनावश्यक आयात पर अंकुश लगे।

उन्होंने कहा कि व्यापार, व्यवसाय, वाणिज्य और उद्योग से जुड़े हमारे लोगों को व्यवस्था का दबाव महसूस नहीं होना चाहिए। वे समाज में सम्मान के पात्र हैं। वे धन सृजक, नौकरी प्रदाता, अर्थव्यवस्था के चालक और सामाजिक सद्भाव में योगदानकर्ता हैं। उन्होंने कहा कि व्यापार में लगे लोगों ने समाज को वापस लौटाने की कला सीख ली है। यहां तक ​​कि हमारा स्वतंत्रता आंदोलन भी उनके महत्वपूर्ण योगदान को चिह्नित करता है।

 

इस दौरान उपराष्ट्रपति ने मतभेद को स्वीकार करने को भारतीय सभ्यता का अंग बताया और समाजिक समरसता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक नहीं है कि दूसरा अपनी बात कहे और हम उसे मानें ही। पर उसकी बात न सुनना, उस पर चिंतन और मंथन न करना, यह हमारी सभ्यता का अंग नहीं है। विभिन्न मत रखरना एक ऊर्जा है। इससे ही व्यक्ति को स्वयं को सही करने की अनुमति मिलती है और कुछ नहीं तो सिक्के का दूसरा पहलू तो दिखता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता के बिना बाकी सब अर्थहीन हो जाता हैं। सामाजिक समरसता हमारा आभूषण है। जब हम सहिष्णु होते हैं और सामाजिक समरसता का ध्यान रखते हैं, तो हर कोई सुख अनुभव करता है। हर कार्य करते समय ये देखिए कि सामाजिक समरसता बढ़े। उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसी संस्थान की पहचान उसके संकाय से होती है। इंफ्रास्ट्रक्चर संस्थान की जरूरत है लेकिन फैकल्टी उसकी खुशबू है। अनुसंधान और नवाचार में निवेश वर्तमान और भविष्य में निवेश है। नवाचार और अनुसंधान अर्थव्यवस्था के प्रेरक इंजन हैं।

 

 

MadhyaBharat 10 November 2024

Comments

Be First To Comment....
Video

Page Views

  • Last day : 8641
  • Last 7 days : 45219
  • Last 30 days : 64212


x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2025 MadhyaBharat News.