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हरदा । मध्य प्रदेश के हरदा जिले में टिमरनी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम डगावानीमा गांव में रास्ते के विवाद के बाद बुजुर्ग किसान ने आत्महत्या कर ली। गुस्साए परिजन ने शुक्रवार को कलेक्टर बंगले के सामने बुजुर्ग का शव रखकर करीब दो घंटे तक प्रदर्शन किया। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की समझाइश के बाद परिजन शांत हुए और इसके बाद वह शव लेकर हंडिया पहुंचे, जहां नर्मदा किनारे मृतक किसान का अंतिम संस्कार किया।
पुलिस के अनुसार, ग्राम डगावानीमा निवासी 74 वर्षीय बाबूलाल जाट ने एक दिन पहले गुरुवार शाम को जहर खा लिया था। परिजन उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। सुबह करीब 11 बजे परिजन बुजुर्ग का शव लेकर हरदा पहुंचे और शव को कलेक्टर आदित्य सिंह के बंगले के सामने रखकर इंदौर-बैतूल राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे प्रदर्शन करने लगे। सूचना मिलने पर थाना प्रभारी प्रहलाद सिंह मर्सकोले सहित अन्य पुलिसकर्मिी मौके पर पहुंचे और गुस्साए परिजन को समझाइश दी। मौके पर पहुंचे संयुक्त कलेक्टर रजनी वर्मा, एएसपी आरडी प्रजापति ने परिजन को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने। शव को कलेक्टर निवास के सामने से हटाने के लिए कहा, जिस पर परिजन और अधिकारियों के बीच बहस भी हो गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए संयुक्त कलेक्टर वर्मा ने परिजन को लिखित में कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। इसके बाद परिजन शांत हुए।
मृतक किसान के परिजनों का आरोप है कि रास्ते को लेकर गांव के ही एक किसान से विवाद हुआ था, जिसके बाद बुजुर्ग को धमकियां मिल रही थी। इसी से परेशान होकर किसान ने आत्महत्या कर ली। मृतक के पुत्र सुनील जाट ने कहा कि उनके पिता का गांव के ही रामेश्वर जाट के साथ रास्ते को लेकर विवाद चल रहा था। प्रकरण तहसीलदार न्यायालय में भी चल रहा था। जमीन पर दोनों किसान अपना-अपना दावा जता रहे थे। सुनील ने तहसीलदार पर भी आरोप लगाए। तहसीलदार ने गलत आदेश दिया, जिससे पिता परेशान रहते थे।
MadhyaBharat
15 November 2024
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