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नई दिल्ली । देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर वित्तीय वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में घटकर 5.4 फीसदी पर आ गई है। पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि में 8.1 फीसदी थी, जबकि मौजूदा वित्तीय वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 6.7 फीसदी रही थी। यह पिछले सात तिमाहियों में सबसे धीमी ग्रोथ है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी आंकड़ों में बताया कि देश की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन की वजह से घटकर 5.4 फीसदी पर आ गई है। हालांकि, भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है। इस साल जुलाई-सितंबर तिमाही में चीन की जीडीपी ग्रोथ 4.6 फीसदी थी, जबकि जापान की जीडीपी 0.9 फीसदी की दर से बढ़ी है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई-सितंबर तिमाही में कृषि क्षेत्र 3.5 फीसदी बढ़ा है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 1.7 फीसदी बढ़ा था। दूसरी तिमाही के दौरान विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर गिरकर 2.2 फीसदी रह गई, जबकि पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के दौरान इसमें 14.3 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी।
एनएसओ की ओर से दूसरी तिमाही के लिए जारी जीडीपी आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त 2024-25 वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी वृद्धि दर छह फीसदी आंकी गई। पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही में जीडीपी वृद्धि दर 8.2 फीसदी रही थी। इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 4.3 फीसदी रही थी। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की समान तिमाही में यह दर 8.1 फीसदी थी। हालांकि, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आर्थिक वृद्धि दर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
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