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छतरपुर ।छतरपुर में शनिवार की सुबह से शहर का बाजार बंद रखा गया। सर्व हिंदू समाज द्वारा जिले में बढ़ रहे लैंड जिहाद और लव जिहाद के मामलों को देखते हुए जिला मुख्यालय पर बंद सफल रहा है। इस दाैरान शहर में पुलिस सभी चौराहों पर तैनात देखी गई। वहीं अति-आवश्यक सेवाएं मेडीकल स्टोर,क्लीनिक मात्र खुले रहे। सर्वहिंदूसमाज डीजे और बाइक से शहर में निकले और सभी लोगों से दोपहर 3 बजे तक दुकानें बंद करने के लिए आग्रह किया।
दोपहर में सर्वहिंदूसमाज पुराना पन्ना नाका,डेरी रोड रामलीला मैदान,बस स्टैंड पर एकत्रित होकर छत्रसाल चौराहे पहुंचे उसके बाद कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। सर्वहिंदूसमाज के लाेगाें ने बताया कि हम लोग लव जिहाद और लैंड जिहाद के बढ़ते मामले को लेकर शहर के बाजाराें को बंद किया गया है और जो दुकान खुली हैं। उनको बंद करवाया जा रहा है। दोपहर 3 बजे कलेक्टर और पुलिस अधीधक को ज्ञापन सौंपा गया।
लैण्ड जिहाद के मामलाें में महोबा रोड पर वन विभाग की शासकीय भूमि पर लैण्ड जिहाद करने वाले हाजी शहजाद अली के भाई द्वारा अवैध कब्जा करने का जिक्र किया गया है जिस पर जिला प्रशासन का ध्यान आकर्षित समय समय पर पूर्व में करने का दावा भी किया गया है, छतरपुर बस स्टेण्ड क्रमांक एक पर लैण्ड जिहाद कर अबैध रूप से मजार का निर्माण करने का अराेप लगाया गया है जिसे हटाने के लिए उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा आदेश प्रसारित किया गया था किन्तु उक्त अबैध अतिक्रमण नहीं हटाया गया है। छतरपुर के महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय के सामने बक्फ बोर्ड का साईन बोर्ड लगाकर अतिक्रमण किया गया है उक्त भूमि पर भी लैण्ड जिहाद कर शासकीय सम्पत्ति जो कि वेशकीमती है जिस पर अबैध कब्जा करना बताया गया है जिसे तत्काल हटाने हेतु जिला प्रशासन से कार्यवाही करने की मांग उठाई है।
छतरपुर में मुश्किल कुशहाली सहित अन्य मस्जिदें जिनका वास्तबिक रकवा एक एक , दो दो हजार स्कायर फिट रिकार्ड में दर्ज है जबकि इनका रकवा बढाकर कई एकड़ में कब्जा करके लैण्ड जिहाद करने का दावा ज्ञापन में किया गया है।ज्ञापन में बताया कि छतरपुर में सिंघाडी नदी के आसपास एक धर्म विशेष के तथाकथित लोगों द्वारा हिन्दु धर्म की आस्था का केन्द्र सिंधाडी नदी को अपवित्र करने के उद्देश्य से नदी के आसपास अबैध कब्जा कर अतिक्रमण करते हुए मांस की दुकाने लगाई जा रही है और दुकानदारों की संख्या और अतिक्रमण का दायरा निरंतर बढता जा रहा है। मांस की दुकानों से निकलने वाले अवशेष हड्डी,मांस,बाल,रक्त,मूत्र आदि नदी में प्रतिदिन जानबूझकर डाले जाते हैं जिससे नदी का जल निस्तार योग्य नहीं है तथा हिन्दु समाज ऋाद्ध तर्पण पितृ मोक्ष अमावश्या के दौरान पूजन पाठ में बाधाएं उत्पन्न होती है। उक्त सिधाडी नदी से सटी शासकीय भूमि पर लैण्ड जिहाद करने वालाें सेे नदी को अबैध अतिक्रमण से मुक्त कराने की कार्यवाही की मांग की है।
MadhyaBharat
30 November 2024
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