उज्जैन । मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं को अब एटीएम की तरह लगी मशीन से 24 घंटे लड्डू-प्रसादी(प्रसाद) मिल सकेगी। क्यूआर कोड स्कैन कर ऑनलाइन पेमेंट के बाद लड्डू प्रसादी का पैकेट मशीन से बाहर निकलेगा। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को महाकालेश्वर मंदिर में इस लड्डू प्रसादी मशीन का शुभारंभ किया। इसके साथ ही महाकालेश्वर मंदिर यह हाईटेक सुविधा शुरू करने वाला देश का पहला मंदिर बन गया है।
दरअसल, भोपाल के एक दानदाता ने महाकालेश्वर मंदिर को दान में दो मशीनें देने की बात कही थी, जिसके बाद कोयम्बटूर की 5जी टेक्नोलॉजी नामक कंपनी को लड्डू प्रसादी पैकेट की ऑटोमैटिक मशीन का ऑर्डर दिया गया। अब यह मशीन महाकालेश्वर मंदिर में लग चुकी है। आज केन्द्रीय मंत्री जेपी नड्डा इंदौर में विश्व एड्स दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद उज्जैन पहुंचे। उन्होंने यहां सपत्नीक भगवान महाकाल के दर्शन किए। उन्होंने यहां मंदिर के गर्भगृह में पहुंचकर बाबा महाकाल का पूजन और अभिषेक भी किया। इस अवसर पर उनके साथ मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी मौजूद रहे। केन्द्रीय मंत्री नड्डा ने महाकाल मंदिर में पूजन के बाद नई लड्डू प्रसादी(प्रसाद) मशीन का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने क्यूआर कोड से पेमेन्ट किया और मशीन से लड्डू प्रसादी प्राप्त की।
महाकाल मंदिर में मशीन लगने से अब भगवान महाकाल के दर्शन करने वालों को प्रसाद के लिए कतार में नहीं लगना पड़ेगा। खास बात है कि प्रसादी पैकेट मशीन से निकालने के लिए कैश और क्यूआर कोड का भी ऑप्शन रहेगा। वे अपने मोबाइल से ही लड्डू प्रसादी ले पाएंगे। फिलहाल प्रायोगिक रूप से शुरुआत में एक मशीन मंगवाई है। 5जी कंपनी के बिजनेस हेड एम. कनन ने बताया कि मशीन को शुरू होने में करीब दो-तीन दिन का समय लगेगा। सोमवार को इसे महाकालेश्वर मंदिर के बैंक अकाउंट से जोड़ा जाएगा। इसके बाद इसमें 100 ग्राम से लेकर 500 ग्राम, 200 ग्राम, एक किलो ग्राम तक पैकेट को रखा जाएगा। अभी जो मशीन इंस्टाल की गई है, उसमें 130 पैकेट एक बार में रखने की क्षमता रहेगी, इसके बाद मशीन को दोबारा रिफिल करना पड़ेगा।
पैसे मंदिर समिति के खाते में होंगे ट्रांसफर-
महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक धाकड़ ने यह भी बताया कि महाकाल प्रसाद के नाम पर अभी शहर के कुछ स्थानों पर प्रसाद बिक रहा हैं, जिसका मंदिर समिति से कोई सरोकार नहीं है। मशीनें लगने से फर्जी काउंटर बंद हो जाएंगे। नई मशीन में क्यूआर कोड स्कैन करने पर भक्त को निर्धारित राशि के रूप में पेमेंट करना होगा, जो मंदिर समिति के बैंक खाते में ट्रांसफर होगी।