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नई दिल्ली । तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत प्रमुख सामाजिक न्याय समर्थक नेताओं ने मंगलवार को जाति जनगणना, आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा हटाने और महिलाओं के अधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए मजबूत प्रयासों का आह्वान किया।
नई दिल्ली में मंगलवार शाम को अखिल भारतीय सामाजिक न्याय महासंघ के तीसरे संस्करण के सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंसिंग माध्यम से संबोधित करते हुए एम के स्टालिन ने कहा कि सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्ष राजनीति, समाजवाद, समानता, राज्य स्वायत्तता और संघवाद हमारे उद्देश्य हैं। हमें एकजुट होकर इन उद्देश्यों के लिए लड़ना कि आवश्यकता है। स्टालिन ने महिला आरक्षण विधेयक को जनगणना और निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन से जोड़ने और 2029 के बाद तक इसके क्रियान्वयन में देरी करने के लिए भाजपा की आलोचना की।
स्टालिन ने लंबित रिक्तियों को संबोधित करने, न्यायिक नियुक्तियों में आरक्षण शुरू करने, आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने और राज्यों को अपनी आरक्षण नीतियां तैयार करने का अधिकार देने की अपनी मांग दोहराई।
सांसद और विदुथलाई चिरुथिगल काची के अध्यक्ष थोल थिरुमावलवन ने कहा कि जाति जनगणना के बिना सामाजिक न्याय के उद्देश्यों को पूरी तरह से प्राप्त नहीं किया जा सकता है। समारोह में भाग लेने वालों में डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि, तृणमूल कांग्रेस सांसद मोहिमा मोइत्रा, फौजिया तहसीन शमद खान, सांसद, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) सहित कई नेता शामिल थे। राज्यसभा सदस्य पी विल्सन ने सभी नेताओं का आभार व्यक्त किया।
MadhyaBharat
4 December 2024
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