भोपाल । कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मप्र सरकार पर दलित विराेधी हाेने का आराेप लगाते हुए जमकर निशाना साधा है। उन्होंने शनिवार काे मीडिया से बातचीत में मोहन यादव सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बाबा साहब अंबेडकर के सिद्धांतों की केवल औपचारिक बातें करती है, लेकिन ज़मीन पर हालात चिंताजनक हैं।
जीतू पटवारी ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो और सामाजिक न्याय मंत्रालय के दस्तावेज बताते हैं कि दलित अत्याचार के मामले सबसे ज्यादा भाजपा शासित राज्यों में ही दर्ज होते हैं। देश के प्रथम तीन राज्यों का उदाहरण देते हुए पटवारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश पर 2022 में 15,368 मामले, राजस्थान में 8,752 और तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश के 7,733 मामलों का कलंक लगा हुआ है। मध्य प्रदेश में दलित उत्पीड़न के मामलों में 2018 से 2021 के बीच 51.7 प्रतिषत वृद्धि हुई है। तब भी प्रति लाख जनसंख्या पर 63 से अधिक अपराध दर्ज हो रहे थे।
प्रदेश सरकार से मांग करते हुए पीसीसी चीफ ने कहा कि दलित अपराधों के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष न्यायालयों की संख्या बढ़ाई जाए, लंबित मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित की जाए और गृह मंत्रालय में भी एक विशेष प्रकोष्ठ बनाया जाए। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे डॉक्टर मोहन यादव की जवाबदेही तय करते हुए पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री भी साप्ताहिक समीक्षा करें और रिपोर्ट जनता के सामने रखें। पीड़ित दलित परिवारों को आर्थिक सहायता देने के लिए नई नीति भी बने। साथ ही जिलों के प्रभारी मंत्रियों की जवाबदेही भी निर्धारित की जाए।
जीतू ने मांग करते हुए कहा कि सरकार विधानसभा के आगामी सत्र में दलित उत्पीड़न की स्थिति और सुधार के लिए उठाए गए कदमों पर चर्चा करे। यह इसलिए आवश्यक है कि मप्र में दलितों की सुरक्षा के लिए अब तक सरकार ने कोई कदम नहीं उठाए हैं। पटवारी ने कहा कि मंदसौर में दलित महिला की गोली मारकर जान ले ली गई और राजगढ़ में भी दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। दोनों ही घटनाएं प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था और गृह मंत्री की लाचारी की निशानी है।