ढाका/कोलकाता । बांग्लादेश के ढाका जिले के धौर गांव में शनिवार तड़के अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) के एक मंदिर को अज्ञात हमलावरों ने आग के हवाले कर दिया।
इस्कॉन बांग्लादेश के महासचिव चारु चंद्र दास ब्रह्मचारी ने बताया कि मंदिर की टिन की छत को उठाकर उसमें आग लगाई गई। उन्होंने कहा, "आग को जल्दी बुझा दिया गया, लेकिन एक मूर्ति क्षतिग्रस्त हो गई और पर्दे जल गए।" वारदात शनिवार की है।
वहीं, इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने इस घटना की कड़ी निंदा की और बताया कि धौर गांव में इस्कॉन नमहट्टा केंद्र को पूरी तरह जला दिया गया। उन्होंने कहा, "मंदिर में स्थापित श्री राधा-कृष्ण और श्री महाभाग्य लक्ष्मी नारायण की मूर्तियों सहित वहां रखी सभी चीजें जलकर खाक हो गईं।"
दास ने जानकारी दी कि यह घटना सुबह दो से तीन बजे के बीच घटी। उन्होंने बताया, "मंदिर के पीछे की ओर से टिन की छत उठाकर उसमें पेट्रोल या ऑक्टेन डालकर आग लगाई गई।"
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हिंदुओं पर बढ़ते हमले
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमलों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। हाल ही में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद यह स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है। चिन्मय कृष्ण दास, जो पहले इस्कॉन बांग्लादेश के सदस्य थे, अब बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोटे संगठन के प्रवक्ता हैं। उन्हें 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
26 नवंबर को जब उनकी जमानत खारिज की गई, तो चटगांव में उनके समर्थकों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन में सहायक सरकारी अभियोजक सैफुल इस्लाम अलिफ की हत्या हो गई।
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भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव
हाल में हिंदुओं पर बढ़ते हमलों और चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के विरोध में भारत के त्रिपुरा राज्य में प्रदर्शनकारियों ने अगरतला में बांग्लादेशी मिशन पर धावा बोला। इसके बाद बांग्लादेश विदेश मंत्रालय ने भारतीय दूतावास को तलब कर विरोध जताया।
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असम में विरोध
इधर, भारत के असम राज्य में बराक वैली होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने घोषणा की है कि वे बांग्लादेश के किसी भी नागरिक को तब तक ठहरने की अनुमति नहीं देंगे, जब तक वहां अल्पसंख्यकों और हिंदुओं पर हमले नहीं रुकते। बराक वैली के तीन जिले - कछार, श्रीभूमि (पूर्ववर्ती करीमगंज) और हेलकांडी - बांग्लादेश के सिलहट क्षेत्र से 129 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं।
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे हमलों से दोनों देशों के संबंध और खराब हो सकते हैं। भारतीय और बांग्लादेशी समुदाय में इस मुद्दे पर भारी रोष है।