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भाेपाल । केन्द्र शासित मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी आयुष्मान योजना गरीबों के लिए संजीवनी साबित हाे रही है। केंद्र के दावों के मुताबिक स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित करोड़ों गरीब अपना मुफ्त इलाज करवा रहे हैं। लेकिन सरकार के इस दावे पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने आयुष्मान योजना को ‘सफेद हाथी’ बताया है, इसके साथ ही उन्हाेंने मप्र की स्वास्थ्य सेवाओं काे लेकर भी प्रश्न किया है।
कमलनाथ ने गुरुवार काे अपने साेशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पाेस्ट करते हुए लिखा आयुष्मान योजना धीरे-धीरे सफ़ेद हाथी बनती जा रही है। मध्य प्रदेश में 196 बीमारियों को निजी अस्पतालों में इलाज से बाहर कर दिया गया है। दूसरी तरफ़ सरकारी अस्पतालों में उपचार की समुचित व्यवस्था नहीं है। मलेरिया, मोतियाबिंद का ऑपरेशन, छोटे बच्चों की बीमारी, बुजुर्गों की कई बीमारियाँ निजी अस्पतालों में इलाज से बाहर कर दी गई हैं। बड़ी संख्या में बीमारियों को निजी अस्पतालों में उपचार से बाहर करने से आयुष्मान कार्ड धारक उपचार कराने के लिए परेशान हो रहे हैं।
कमलनाथ ने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि मध्य प्रदेश पहले से ही स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में निचले पायदान पर है और उस पर आयुष्मान कार्ड का अप्रभावी हो जाना लोक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत चिंता का विषय है। स्वास्थ्य की रक्षा करना और अच्छा उपचार कराना हर नागरिक का मूलभूत अधिकार है।
कमलनाथ ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से माँग करता हूँ कि इस विषय में गंभीरता से विचार करें और एक कमेटी बनाकर बहुत सारी बीमारियों को दोबारा निजी अस्पतालों में उपचार के लिए खोला जाए। जो अस्पताल आयुष्मान कार्ड का दुरुपयोग कर रहे हैं, उन पर निश्चित तौर पर सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन इस कार्रवाई का मतलब यह नहीं कि मध्य प्रदेश के ज़रूरतमंद नागरिक उपचार से वंचित कर दिए जाएं।
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