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लखनऊ । उत्तर प्रदेश में बाधारहित विकास को अनवरत जारी रखने के लिए योगी सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अपना द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया। 17,865.72 करोड़ रुपये के इस अनुपूरक बजट में 790.49 करोड़ रुपये के नए प्रस्ताव शामिल किए गए हैं। यह योगी सरकार का इस वित्त वर्ष का द्वितीय अनुपूरक बजट है, जो मूल बजट (7 लाख 36 हजार 437.71 करोड़ रुपये) का 2.42 प्रतिशत है। इससे पूर्व, योगी सरकार 12,209.93 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट भी प्रस्तुत कर चुकी है। दोनों अनुपूरक बजट को मिलाकर योगी सरकार का मौजूदा वित्त वर्ष का कुल बजट अब 7 लाख 66 हजार 513.36 करोड़ रुपये का हो गया है।
राज्य के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में विधानसभा में द्वितीय अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि द्वितीय अनुपूरक बजट का आकार 17,865.72 करोड़ रुपये है। यह सरकार विकास को प्राथमिकता देने वाली सरकार है और जब भी आवश्यकता होती है तब संवैधानिक तरीके से सदन के माध्यम से अनुपूरक बजट लाने का अधिकार है। अनुपूरक बजट में 790.49 करोड़ रुपये के नए प्रस्ताव सम्मिलित किए गए हैं। साथ ही इसमें केंद्रीय योजनाओं में 422.56 करोड़ रुपये के केंद्रांश की राशि भी अनुमानित है। इसके अतिरिक्त कंटिजेंसी से जो 30 करोड़ 48 लाख रुपये का पैसा लिया गया था, उसकी भी प्रतिपूर्ति का भी प्रस्ताव इसमें शामिल है।
वित्त मंत्री खन्ना ने बताया कि अनुपूरक बजट में विभिन्न विभागों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप बजट जारी किया जाएगा। इसमें ऊर्जा विभाग को 8587.27 करोड़ रुपये, वित्त विभाग को 2438.63 करोड़ रुपये, परिवार कल्याण विभाग को 1592.28 करोड़ रुपये, पशुधन विभाग के लिए 1001 करोड़ रुपये, लोकनिर्माण विभाग के लिए 805 करोड़ रुपये, प्राथमिक शिक्षा विभाग के लिए 515 करोड़ रुपये, सूचना विभाग के लिए 505 करोड़ रुपये, पंचायती राज विभाग के लिए 454.01 करोड़ रुपये और चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के लिए 354.54 करोड़ रुपये का बजट प्राविधानित किया गया है।
योगी सरकार ने इसी वर्ष फरवरी महीने में मूल बजट पेश किया था, जो 7.36 लाख करोड़ रुपये से अधिक का था। इसके बाद योगी सरकार ने 30 जुलाई को 12,209.93 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया था। इसके 5 माह के बाद एक बार फिर योगी सरकार विकास कार्यों को गति देने के लिए आवश्यकता के अनुरूप द्वितीय अनुपूरक बजट लेकर आई है। इस बजट को मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया।
इसलिए प्रस्तुत किया जाता है अनुपूरक बजट
अनुपूरक बजट एक ऐसा वित्तीय दस्तावेज है जिसे सरकार किसी वित्त वर्ष के दौरान तब प्रस्तुत करती है जब उसे अपने पहले से स्वीकृत बजट में अतिरिक्त खर्च की आवश्यकता होती है। यह बजट उन खर्चों को कवर करने के लिए प्रस्तुत किया जाता है, जिनको अनुमानित बजट में शामिल नहीं किया गया था या जो नई परिस्थितियों के कारण आवश्यक हो गए हैं। यह बजट वित्त वर्ष के बीच में किसी विभाग या मंत्रालय की किसी योजना में अतिरिक्त राशि खर्च करने के लिए लाया जाता है। यह खर्च के अनुमान के साथ पेश किया जाता है।
खास बातें-
-उत्तर प्रदेश में बाधारहित विकास को अनवरत जारी रखने के लिए वित्त वर्ष 2024-25 का दूसरा अनुपूरक बजट प्रस्तुत
-17,865.72 करोड़ रुपये के द्वितीय अनुपूरक बजट में 790.49 करोड़ के नए प्रस्ताव किए गए हैं सम्मिलित
-मूल बजट का 2.42 प्रतिशत है अनुपूरक बजट, जो इस वित्त वर्ष में दूसरी बार प्रस्तुत किया गया है
-मूल बजट के साथ दोनों अनुपूरक बजट मिलाकर वित्त वर्ष 2024-25 में 7,66,513.36 करोड़ रुपये पहुंचा कुल बजट
-अनुपूरक बजट में ऊर्जा विभाग को 8587 करोड़ रुपये तो वित्त विभाग को 2438 करोड़ का बजट प्रस्तावित
MadhyaBharat
17 December 2024
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