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नई दिल्ली । संसद की कार्यवाही गुरुवार को एक बार फिर हंगामे की भेंट चढ़ गई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और गृह मंत्री अमित शाह की आंबेडकर पर टिप्पणी से जुड़े अलग-अलग विवादों को लेकर हंगामे के बीच राज्यसभा और लोकसभा दोनों को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया।
गुरुवार को उच्च सदन की कार्यवाही दोबारा दोपहर दो बजे शुरू होते ही फिर हंगामे की भेंट चढ़ गई। इस बार हंगामे का मुद्दा बदला हुआ था। संसद में बाबा साहेब को लेकर विरोध प्रदर्शन के बीच लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी और भाजपा सांसदों के बीच हुई धक्का-मुक्की की घटना का मुद्दा राज्यसभा में उठाया गया। सभापति ने सचिव को सदन के पटल पर रखे गए उपराष्ट्रपति के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर 10 दिसंबर को प्राप्त संचार पर राज्यसभा के उपसभापति द्वारा दिया गया विस्तृत निर्णय रखने को कहा। इसके बाद सदन में सबसे पहले सभापति ने भाजपा के राज्यसभा सांसद फंगनोन कोन्याक को बोलने का मौका दिया। कोन्याक ने सदन में बताया कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने उनके सम्मान और स्वाभिमान को गहरी ठेस पहुंचाई है। आज जो कुछ भी हुआ वह बहुत दुखद है, ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बारे में सभापति से भी लिखित शिकायत कर अपने साथ हुए दुर्व्यवहार का ब्यौरा दिया।
इसके बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने अपनी बात रखते हुए कहा कि राहुल गांधी ने आज भाजपा के दो सांसदों को धक्का दिया, जो अब अस्पताल में भर्ती हैं। राहुल गांधी के व्यवहार के लिए पूरी कांग्रेस को संसद और देश से माफी मांगनी चाहिए। संसद कुश्ती का अखाड़ा नहीं है। यह लोकतंत्र के इतिहास का काला दिन है। राहुल गांधी और कांग्रेस को इस बारे में पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।
इस बीच लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह की आंबेडकर पर की गई टिप्पणी को लेकर विपक्ष ने हंगामा किया। सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने शाह पर आंबेडकर के अपमान का आरोप लगाते हुए उनसे माफी की मांग की। स्पीकर ओम बिरला द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री ई.वी.के.एस. एलंगोवन को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन में व्यवस्था बहाल करने के प्रयासों के बावजूद विरोध जारी रहा। स्पीकर ने सत्र को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया लेकिन सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भी विरोध जारी रहा। प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के सदस्यों ने आंबेडकर के पोस्टर लेकर नारेबाजी की। हंगामा थमता न देख पीठासीन अधिकारी दिलीप सैकिया ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
MadhyaBharat
19 December 2024
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