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उज्जैन । प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मंगलवार को उज्जैन आए और बैरवा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। तीन बत्ती चौराहा स्थित महर्षि बालीनाथजी की प्रतिमा स्थल के समीप बने मंच से बैरवा समाज को संबोधित करते हुए उन्होने कहाकि भारत विभिन्न धर्मों, समाजों, भाषाओं और संस्कृतियों का देश है। सब मिलकर यहां सद्भावपूर्वक रहते हैं। सांस्कृतिक वैविध्य ही हमारी संस्कृति की पहचान है।
डॉ.यादव ने कहाकि हमारी आस्था और जीवन मूल्य हमें विकास की ओर ले जाते हैं। योग, तप, साधना और साहचर्य से जीवन का समग्र विकास की शिक्षा सिर्फ भारतीय संस्कृति ही सिखाती है। समाज में जनजागृति लाने में महर्षियों की बड़ी अहम भूमिका रही है। महर्षि बालीनाथजी उन्हीं में से एक थे। वे परम संत थे। डॉ.यादव ने कहाकि जो असंभव दिखता है, वो केवल सनातन धर्म में ही संभव है। महर्षि बालीनाथ जी ने समाज की कुरीतियों, रूढिय़ों और बुराइयों को खत्म किया और सबको सद्मार्ग की ओर ले जाने का काम किया। उन्होंने देश के दूरदराज क्षेत्रों से आए बैरवा समाजजन का अभिनंदन करते हुए कहा कि इस प्रदेश स्तरीय सामाजिक कार्यक्रम में आकर वे बेहद प्रसन्न है।
मुख्यमंत्री ने अखिल जूनवाल द्वारा लिखित पुस्तक भीम वंदना का विमोचन भी किया। डॉ. यादव ने कहा कि सरकार अगले साल बैरवा समाज की राज्य स्तरीय पंचायत का आयोजन करेगी। इसमें देश के विभिन्न अंचलों में रह रहे बैरवा समाजजनों को आमंत्रित किया जाएगा। इसके बाद बैरवा समाज की बाईक रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अखिल भारती बैरवा समाज और आयोजन समिति के सदस्यों द्वारा स्वागत किया गया। मुख्यमंत्री डॉ.यादव को संत श्री बालीनाथ जी की प्रतिमा भेंट की गई। कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल,राजस्थान के विधायक दीनदयाल बैरवा, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर मुकेश टटवाल, निगम सभापति कलावती यादव मंचासीन थे।
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