उप मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य क्षेत्र में यूनिसेफ द्वारा की जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी ली
भोपाल । उप मुख्यमन्त्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि एमएमआर और आईएमआर की स्थिति में सुधार के लिये किशोरियों के स्वास्थ्य की जांच और सुधार के प्रयास, गर्भावस्था के पूर्व और गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की नियमित जाँच के साथ प्रसव पश्चात निगरानी अहम है। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ किशोरी आगे चलकर स्वस्थ माँ बनती है। इसके लिये विभागीय प्रयासों के साथ सामाजिक संगठनों, आमजनों का सहयोग अपेक्षित है, जिससे गर्भवती महिलायें और किशोरियां अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें। परिवारजन उन्हें सहयोग प्रदान करें। शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करने के लिये जन-जागरूकता ज़रूरी है। उप मुख्यमन्त्री शुक्ल ने शनिवार को यूनिसेफ भोपाल कार्यालय में भ्रमण कर मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य एवं पोषण के क्षेत्र में यूनिसेफ द्वारा की जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी प्राप्त की।
उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने यूनिसेफ के अधिकारी-कर्मचारियों को संचालित गतिविधियों में सरकार द्वारा पूर्ण सहयोग प्रदान करने की बात कही। उन्होंने कहा कि एकीकृत प्रयासों से हम मिलकर प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था को सशक्त करेंगे। मध्य प्रदेश को स्वास्थ्य के विभिन्न मानकों में देश का अग्रणी राज्य बनायेंगे। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार प्रदेश में एमएमआर और आईएमआर मानकों में सुधार के लिये सतत प्रयास कर रही है। स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने के साथ देश-विदेश के स्वास्थ्य विशेषज्ञों से हम सतत संपर्क में हैं।
शुक्ल ने कहा कि संसाधनों की कमी नहीं है। स्वास्थ्य अधोसंरचना में सतत विस्तार किया जा रहा है। चिकित्सकीय सहायक और चिकित्सकीय मैनपॉवर की उपलब्धता के लिए चिकित्सकीय शैक्षणिक संस्थानों में विस्तार किया जा रहा है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में 33 हज़ार से अधिक पदों पर नियुक्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता के साथ सामाजिक जागरूकता भी ज़रूरी है, जिससे हाई रिस्क प्रेगनेंसी का समय से चिन्हांकन कर अपेक्षित निदान की व्यवस्था की जा सके। उन्होंने प्रदेश में आईएमआर और एमएमआर में सुधार के लिये संगठित प्रयासों के सुझाव प्राप्त किये। ऑफिस इंचार्ज यूनिसेफ भोपाल डॉ. अनिल गुलाटी ने यूनिसेफ द्वारा मध्यप्रदेश में संचालित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी प्रदान की। इस दौरान हेल्थ स्पेशलिस्ट यूनिसेफ डॉ. प्रशांत कुमार सहित यूनिसेफ भोपाल के विभिन्न पदाधिकारी उपस्थित थे।