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लखनऊ । महाकुम्भ 2025 में वक़्फ़ बोर्ड की 55 बीघा ज़मीन के विवाद पर शिया धर्मगुरुओं ने इसे सस्ती लोकप्रियता बताते हुए साक्ष्य के साथ पूरी बात रखने पर जोर दिया। शिया धर्मगुरुओं ने हिन्दू मुस्लिम भाईचारा पर जोर देने और बिना साक्ष्य के कोई वार्ता नहीं करने की बात कही।
सोमवार को ऑल इंडिया शिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव एवं धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि प्रयागराज में महाकुम्भ की तैयारियों को लेकर जो बयानबाजी हो रही है, मेरे ख्याल से बिल्कुल गलत है। बेसक जमीन वक्फ की है, लेकिन वक्फ की जमीन पर जो मेला लग रहा है तो आने वाले तीर्थ यात्री जमीन को अपने कंधे पर उठाकर नहीं ले जायेंगे। वे अपने धर्म से जुड़े पूजा पाठ, कर्म कर के वहां से चले जायेंगे।
मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि यह कहना गलत है, वक्फ की जमीन पर कोई आ नहीं सकता है। अभी हाल ही में सैलानियों के फंसे होने पर उन्हें मस्जिद में पनाह दी गयी थी।
शिया धर्मगुरु यासूब ने आगे कहा कि यह एक इंसानियत का कार्य है। इंसानियत के नाते मुस्लिम को हिन्दू के साथ में, हिन्दू को मुस्लिम के साथ खड़ा होना चाहिए। इस विषय को तंजनजरी से नहीं देखना चाहिए। उन लोगों से अपील है, जो सस्ती बयानबाजी कर रहे हैं। वे लोग ऐसा ना करें। हर धर्म के व्यक्ति को अपने धर्म के पर्व एवं त्यौहार मनाने की इजाजत होनी चाहिए।
वहीं एक और शिया धर्मगुरु सैय्यद सैफ अब्बास ने लखनऊ में अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में कहा कि अभी तक वक्फ के नाम पर राजनीति करने वाले लोग कहां थे। जो महाकुम्भ मेले की जमीन को वक्फ का बता रहे है, उन्हें मीडिया में बयानबाजी नहीं करनी चाहिए।
मौलाना सैफ अब्बास ने कहा कि महाकुम्भ की 55 बीघा जमीन अगर वक्फ की सम्पत्ति है तो इस मामले में आजतक कोई किराया नहीं लिया गया। विवादित मामला बनाने के बजाय हमारे लोगों को जिलाधिकारी के समक्ष साक्ष्य के साथ प्रस्तुत होना चाहिए।
MadhyaBharat
6 January 2025
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