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मलबे में दबे तीन मजदूरों के शव 44 घंटे बाद बाद निकाले जा सके बाहर
chindwara,   three laborers buried , well collapse
छिंदवाड़ा । मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कुआं धंसने से मलबे में दबे तीन मजदूरों के शव हादसे के करीब 44 घंटे बाद गुरुवार दोपहर करीब सवा 12 बजे निकाले जा सके। एनडीआरएफ की टीम लगातार रेस्क्यू में जुटी रही। फिलहाल, मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी शीलेन्‍द्र सिंह जिले में धारा-163 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर एसडीएम की अनुमति के बिना कुएं, बावड़ी का गहरीकरण, मरम्मत कार्य पर पूर्णतः प्रतिबंधित लगा दिया है।


दरअसल, छिंदवाड़ा जिले के ग्राम खूनाझिरखुर्द निवासी ऐशराव वस्त्राणे के खेत में एक पुराने कुएं के गहरीकरण के दौरान मंगलवार शाम करीब चार मिट्टी धंसक गई थी, जिसमें छह मजदूर फंस गए थे। उनमें से तीन मजदूरों को तो सुरक्षित निकल लिए गया था, लेकिन तीन मलबे में दब गए थे। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और होमगार्ड की मदद से राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया, जो रात भर चला। रात करीब 10 बजे भोपाल से एनडीआरएफ की भी मौके पर पहुंच गई और रेस्क्यू में जुट गई। इस बीच बुधवार सुबह तक कुएं से मजदूरों के चिल्लाने की आवाजें आती रहीं। करीब 8 घंटे से मलबे में दबे मजदूरों की हालत बिगड़ने लगी तो टीम जेसीबी की मदद से कुएं के अंदर पहुंची और दबे मजदूरों को एनर्जी ड्रिंक और बिस्किट्स दिए। डॉक्टर भी टीम के साथ नीचे उतरे। उन्होंने मजदूरों को दर्द निवारक दवाएं दी। टीम जेसीबी की मदद से मलबा तो हटा रही थी, लेकिन मिट्‌टी और पत्थर के धंसने का डर बना हुआ था। इसी बीच रेस्क्यू के दौरान और मलबा मजदूरों के ऊपर गिर गया, जिससे उनकी आवाजें आनी बंद हो गईं। रेस्क्यू टीम जेसीबी से मलबा हटाने में तो जुटी रही, लेकिन मजदूरों के सशकुल बाहर आने की उम्मीदें कम हो गई थी।


इसके बाद मजदूरों तक पहुंचने के लिए रेस्क्यू टीम ने प्लानिंग में बदलाव किया। पहले उन्होंने नॉर्थ साइड में कुएं की गहराई से तीन गुना ढलान वाला रैम्प बनाया, लेकिन सफलता नहीं मिली। बुधवार शाम को उन्होंने मशीन के जरिए नॉर्थ के साथ ही साउथ साइड की ओर से और चौड़ा रैम्प तैयार किया। इसका आखिरी छोर कुएं के चिह्नित जगह पर जाकर खत्म हुआ। वी आकर की आकृति बनाते हुए टीम नीचे तक पहुंची। भुरभरी मिट्‌टी होने से मशीन की जगह फावड़े से मिट्टी हटाने का काम किया। गुरुवार सुबह करीब सवा आठ बजे के करीब टीम ने पहला शव कुएं से निकाला। इसके बाद सवा 12 बजे दो अन्य शवों को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया।


एनडीआरआरएफ की 31 सदस्यीय टीम के साथ ही प्रशासनिक, पुलिस, होमगार्ड के साथ एसडीआरएफ के 100 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी रेस्क्यू में शामिल रहे। एनडीआरएफ की टीम ने पहले टी बनाकर मैन्युअल मलबा निकालने की कोशिश की, लेकिन समय ज्यादा लगने की वजह से ट्रेडिशनल तरीके से कुएं की दोगुना लंबाई का स्लाइडर बनाया और आखिरकार मजदूरों तक पहुंची। एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंट अधिकारी जीत सिकंदर ने बताया कि कुआं सहित आसपास के खेत की भुरभरी मिट्टी और कच्चे पत्थर होने की वजह से रेस्क्यू काफी चुनौती पूर्ण रहा। वहीं, कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने बताया कि कुएं के मलबे में दबने से वासिद (18) पुत्र नन्हे खान निवासी बुधनी, शहजादी (50) पत्नी नन्हे खान और राशिद (18) पुत्र कल्लू खान (18) निवासी सुल्तानपुर की मृत्यु हुई है। करीब 44 घंटे चले रेस्क्यू के बाद तीनों के शव कुएं से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल पहुंचाए गए हैं। पोस्टमार्टम के बाद शवों को उनके गांव भेजा जाएगा।


कलेक्टर शीलेन्‍द्र सिंह द्वारा ग्राम खुनाझिर खुर्द में कुएं के गहरीकरण कार्य के दौरान अप्रत्याशित रूप से हुए भू-स्खलन होने से तीन मजदूरों के नीचे दबने की घटना के दृष्टिगत और भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा-163 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करते हुए जिले में किसी भी स्थान पर स्थापित कुएं, बावड़ी का गहरीकरण, मरम्मत कार्य, ब्लास्टिंग कार्य आदि, आवश्यक सुरक्षा उपकरणों एवं संबंधित अनुविभाग के अनुविभागीय दण्डाधिकारी की अनुमति के बगैर पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। उन्होंने कानून एवं व्यवस्था तथा आमजन के जान-माल को आसन्न खतरा उत्पन्न होने की स्थिति को रोकने के लिये इस पर अंकुश लगाये जाने के लिए यह प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। यह आदेश आम जनता को संबोधित है। जो व्यक्ति, संगठन, समिति, संस्था इस आदेश का उल्लंघन करेगा तो उसके विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा-223 के प्रावधानों के अंतर्गत अभियोजन की कार्यवाही की जाएगी।

 

MadhyaBharat 16 January 2025

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