Since: 23-09-2009

  Latest News :
मदीना के पास बस हादसा 42 भारतीय उमराह तीर्थयात्रियों के मारे जाने की आशंका.   बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को छात्र आंदोलन दमन मामले में फांसी की सजा.   ममता बनर्जी ने गोरखा संवाददाता की नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री को लिखा पत्र.   नीतीश कैबिनेट की आखिरी बैठक में तीन प्रस्तावों पर मुहर.   मणिपुर में आरपीएफ/पीएलए का मेजर गिरफ्तार.   दिल्ली ब्लास्ट कांड में बंगाल के एक और संदिग्ध आतंकी का नाम जुड़ा.   मजदूरों की बहाली को लेकर कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर विधायक और कोल विकास प्राधिकरण अध्यक्ष.   टेंट का सामान धोते समय नदी में बहे दो युवक.   मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लाला लाजपत राय अशोक सिंघल और बाला साहेब ठाकरे की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि.   भोपाल में सड़क पर दौड़ रही बस के अचानक निकले पहिये.   अल फलाह यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जवाद सिद्दकी का भाई हमूद हैदराबाद से गिरफ्तार.   युवक को गोली मारकर लूट ले गए डेढ़ लाख रुपए.   फरार वारंटियों की सुरक्षा व्यवस्था ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले तीन आरक्षक निलंबित.   माओवाद समाप्ति की ओर, ‘नियद नेल्लानार’ योजना से ग्रामीणों को मिल रहा लाभ : मुख्यमंत्री साय.   छत्तीसगढ़ में कड़ाके की ठंड.   खाना खाने के बाद बेहोश हुई छात्रा की उपचार के दौरान मौत.   बस्तर में नवंबर महीने में पारा 10 डिग्री के नीचे जाने की संभावना.   बस्तर में नवंबर महीने में पारा 10 डिग्री के नीचे जाने की संभावना.  
भारतीय ज्ञान की समृद्धि उसके परस्पर जुड़ाव में निहित है : उपराष्ट्रपति
new delhi,   Indian knowledge lies,Vice President

नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को यहां भारतीय विद्या भवन में नंदलाल नुवाल इंडोलॉजी सेंटर की आधारशिला रखने के बाद कहा कि भारतीय ज्ञान की समृद्धि उसके परस्पर जुड़ाव में निहित है। उन्होंने कहा कि हम अलग-थलग देश नहीं हैं बल्कि हम पूरी दुनिया को एक मानते हैं।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि यदि हम इंडोलॉजी को ध्यान में रखें तो आज हम जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं उनमें से अधिकांश का त्वरित आधार पर समाधान हो जाएगा। उन्होंने शोधकर्ताओं और शिक्षाविदों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे अपने अध्ययन के लिए बहु-विषयक दृष्टिकोण अपनाएं। भारतीय ज्ञान की समृद्धि इसकी परस्पर संबद्धता में निहित है। हम अलग-थलग देश नहीं हैं, हम पूरी दुनिया को एक मानते हैं, जी-20 की थीम एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य ने इसे स्थापित किया है। भारतीय ज्ञान की समृद्धि परस्पर संबद्धता, सभी के कल्याण में निहित है।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह हास्यास्पद है कि अज्ञानी लोग अपने संकीर्ण दृष्टिकोण से हमें समावेशिता के बारे में जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं। देश के इतिहास का पहला मसौदा उपनिवेशवादियों के विकृत दृष्टिकोण से आया था। हजारों लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया, लेकिन केवल कुछ को ही बढ़ावा दिया गया। यहां तक कि स्वतंत्रता के बाद भी इसे जड़ें जमाने की अनुमति दी गई। उन्होंने कहा कि इससे हमारी ज्ञान प्रणाली का जैविक विकास बाधित हुआ।

उन्होंने कहा कि दुनिया की कोई भी सभ्यता इतने मिथकों और असत्य के अधीन नहीं रही जितनी हमारी सभ्यता रही है। यह अकल्पनीय अनुपात की त्रासदी और उपहास है। भारत की सामूहिक चेतना के 5000 साल के विकास को उलटने का प्रयास किया गया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें औपनिवेशिक विरासत और मानसिकता से खुद को मुक्त करना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि वेदांत, जैन धर्म, बौद्ध धर्म और अन्य दार्शनिक विचारधाराओं ने हमेशा संवाद और सह-अस्तित्व को प्रोत्साहित किया है।

उपराष्ट्रपति ने युवाओं से भारत के गणितीय योगदान पर गर्व करने का आग्रह करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि भारत की विरासत फले-फूले तथा इसके लिए इससे उपयुक्त समय नहीं हो सकता।

MadhyaBharat 20 January 2025

Comments

Be First To Comment....
Video

Page Views

  • Last day : 8641
  • Last 7 days : 45219
  • Last 30 days : 64212


x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2025 MadhyaBharat News.