Since: 23-09-2009
काठमांडू । महाराष्ट्र के जलगांव में 22 जनवरी को हुए रेल हादसे में मरने वाले नेपाली नागरिकों की संख्या 7 पहुंच गई है। सभी मृतकों की पहचान हो गई है। अपने नागरिकों के शवों को स्वदेश लाने के लिए नेपाल सरकार दिल्ली स्थित नेपाली दूतावास के साथ समन्वय कर रही है।
लखनऊ से मुंबई जा रही पुष्पक एक्सप्रेस के यात्रियों के ट्रेन से कूदने के बाद हुए हादसे में अब तक सात नेपाली नागरिकों की मौत होने की पुष्टि हो चुकी है। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में सात नेपाली नागरिकों की मौत होने और उन सभी की पहचान होने की जानकारी दी है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक मरने वालों में नेपाल के अछाम जिले के चार, कैलाली जिले के दो और बांके जिला का एक नागरिक है। इन मृतकों की पहचान अछाम जिला मंगलसेन के 11 वर्षीय हिमुनन्दराम विश्वकर्मा, 44 वर्षीय नन्दराम पद्म विश्वकर्मा, 42 वर्षीया मैसारा कामी विश्वकर्मा और अछाम कमलबजार की 60 वर्षीया जोक्ला उर्फ कला कामी के रूप में हुई है।
इसी तरह कैलाली जिला की 43 वर्षीया कमला नवीन भण्डारी और 40 वर्षीय लछिराम पासी हैं। ऐसे ही बांके जिला के डंडुवा निवासी 32 वर्षीय राधेश्याम राध की भी मौत इस रेल हादसे में हुई है। अपने नागरिकों के शवों को स्वदेश लाने के लिए नेपाल सरकार दिल्ली स्थित नेपाली दूतावास और भारत के रेल अधिकारियों के साथ समन्वय कर रही है। इस दुर्घटना घायल हुए यात्रियों में भी चार नेपाली नागरिक शामिल हैं। इनमें से एक की हालत गंभीर बताई गई है। घायलों में तीन का उपचार स्थानीय अस्पताल में और गंभीर रूप से घायल का इलाज जलगांव के गोदावरी अस्पताल में किया जा रहा है।
महाराष्ट्र सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है। इसी तरह भारत सरकार की तरफ से मृतक परिवार को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये देने की घोषणा की गई है। दिल्ली में नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर शर्मा ने बताया कि नेपाली नागरिकों को मुआवजे की रकम देने के लिए विदेश मंत्रालय के साथ समन्वय किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मृतकों के परिवार वाले दुर्घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं। उनके समन्वय के लिए नेपाली दूतावास के एक अधिकारी को भी जलगांव भेजा गया है।
MadhyaBharat
All Rights Reserved ©2025 MadhyaBharat News.
Created By:
![]() |