राज्यपाल ने की पेसा एक्ट और सिकल सेल, टी.बी. उन्मूलन कार्यों की समीक्षा
भोपाल । राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यक्रमों की उपलब्धियां क्रियान्वयन गति को गतिमान करने का संकेत है। उत्साह के साथ नए कीर्तिमान कायम करने की प्रेरणा है। उन्होंने टी.बी. उन्मूलन और सिकल सेल उन्मूलन प्रयासों में प्रदेश के अग्रणी होने के लिए स्वास्थ्य विभाग को बधाई दी। राज्यपाल पटेल मंगलवार को सिकल सेल, टी.बी. उन्मूलन अभियान और पेसा एक्ट क्रियान्वयन पर संबंधित विभागों के मंत्री एवं अधिकारियों के साथ चर्चा कर रहे थे। इस अवसर पर मंत्री पंचायत, ग्रामीण विकास एवं श्रम प्रहलाद सिंह पटेल, मंत्री उच्च शिक्षा, आयुष और तकनीकी शिक्षा इंदर सिंह परमार उपस्थित थे।
पेसा एक्ट के अधिकारों के उपयोग के लिए समुदाय का मार्गदर्शन करें
राज्यपाल पटेल ने कहा कि सिकल सेल और टी.बी. रोग उन्मूलन प्रयासों में आधुनिक चिकित्सा पद्धति और पारम्परिक चिकित्सा पद्धतियों में समन्वय किया जाए। उन्होंने कहा कि आयुष विभाग सिकल सेल और टी.बी. उपचार में जुड़े। आयुर्वेद और होम्योपैथी के समानांतर उपचार परिणामों का अध्ययन करे। जन औषधि केन्द्रों में उपलब्ध औषधियों के चिकित्सीय उपयोग और दवाओं के बाजार मूल्य से कम कीमत पर उपलब्धता के संबंध में भी जन जागृति की जाए। उन्होंने स्क्रीनिंग के साथ ही रोगियों और वाहकों को औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा है। उपचार के साथ ही पोषण के लिये आयुष आहार के बारे में सामुदायिक जन-जागृति के प्रयासों को प्रसारित करने की जरूरत बताई है।
राज्यपाल ने कहा कि जनजातीय बहुल क्षेत्रों में पेसा एक्ट के तहत ग्राम सभाओं को प्राप्त अधिकारों के उपयोग के लिए समुदाय का आवश्यक मार्गदर्शन करना होगा। उनको सुविधाएं और सहयोग प्रदान किया जाना चाहिए। पेसा एक्ट के तहत नवीन ग्राम सभाओं के गठन के कार्य का विस्तार किया जाए। एक्ट के अनुसार ग्राम सभा के गठन के लिए सामुदायिक जनजागृति को बढ़ाने की जरूरत बताई। इस दिशा में समुदाय को आवश्यक जानकारियां उनके उपयोग के लाभों से परिचित कराने के लिए कहा है। तेंदूपत्ता विपणन कार्य में ग्राम सभाओं की आवश्यक मदद की जाना चाहिए। उन्होंने ग्राम सभा कोष के संबंध में महाराष्ट्र में प्रचलित व्यवस्था का अध्ययन कर प्रदेश में ग्राम सभाओं को राशि उपलब्ध कराने की व्यवस्था बनाने की जरूरत बताई। उन्होंने वन अधिकार अधिनियम के तहत सामुदायिक अधिकारों के आवेदन प्राप्त करने के लिए और अधिक प्रयासों पर बल दिया है।
बैठक में जनजातीय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष दीपक खाण्डेकर, राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव के. सी. गुप्ता, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास दीपाली रस्तोगी, प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य गुलशन बामरा, राजस्व सचिव अनुभा श्रीवास्तव, राज्यपाल के अपर सचिव उमाशंकर भार्गव, जनजातीय प्रकोष्ठ की सचिव जमुना भिड़े और सदस्य उपस्थित थे।