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छत्तीसगढ़ के ईसाई धर्मांतरित व्यक्ति के शव काे 20 दिन बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किया गया दफन
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जगदलपुर । छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के दरभा विकासखंड के ग्राम छिंदवाड़ा में ईसाई धर्मांतरित सुभाष बघेल की मौत के बाद गांव के आदिवासियाें ने गांव के शमशान में मसीही समाज के अनुसार कफन-दफन करने का विरोध करने पर मामला पहले हाई कोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था। अब सुप्रीम कोर्ट से आदेश के बाद मेडिकल काॅलेज डिमरापाल अस्पताल के मर्च्युरी में रखे सुभाष बघेल के शव को 20 दिन बाद गांव से 30 किलोमीटर दूर करकापाल के मसीही कब्रिस्तान में साेमवार देर रात काे दफन कर दिया गया।

मसीही समाज के पास्टर विजय कुमार ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए देर रात गांव से दूर करकापाल के मसीही कब्रिस्तान में शव का कफन-दफन कर दिया गया है। मसीही समाज के पास्टर सीआर बघेल ने बताया कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं। इसमें 2 जजों ने अपना निर्णय दिया है, पहले हाई कोर्ट 
के जज सतीश शर्मा की ओर से आये निर्णस से हम असंतुष्ट थे, क्योंकि यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु जिस गांव में होती है, उसके शव को ससम्मान उनके ही निवासरत गांव में दफनाना चाहिए था। लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दूसरे स्थान पर शव दफन करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट से मिला है। उन्हाेंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दूसरे जज नागरत्ना मैडम के जजमेंट का स्वागत है, उन्होंने संविधान के तहत अपना निर्णय दिया है।

उल्लेखनीय है कि बीती 7 जनवरी को ईसाई धर्मांतरित सुभाष बघेल की मौत ग्राम छिंदवाड़ा में हुई थी। पास्टर की इच्छा अनुसार घर वाले गांव में ही उनका कफन-दफन की प्रक्रिया पूरी करने लगे। जब परिवार के लोग गांव के श्मशान में शव दफन करने की प्रक्रिया पूरी करने लगे तो गांव के आदिवासियाें ने विरोध जताया, जिसके बाद परिवार वालों ने अपनी निजी जमीन पर पिता का दफन करने की इच्छा जताई। इस बात का भी आदिवासियाें ने विरोध किया। जिसके बाद परिजनाें ने शव को मेडिकल कॉलेज डिमरापाल से गांव नहीं लाया।

मृतक सुभाष बघेल की अपने गांव में ही अंतिम संस्कार की इच्छा के चलते मृतक के पुत्र रमेश बघेल ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई। उसके बाद हाई कोर्ट में मामला पहुंचा, जहां छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए अंतिम संस्कार को लेकर जवाब पेश किया गया। जब हाई कोर्ट से परिवार को संतोषजनक निर्णय नहीं मिला तो, मृतक सुभाष बघेल का पुत्र रमेश बघेल सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद गांव से 30 किलोमीटर दूर करकापाल में ईसाइयों के लिए तय किए गए स्थान पर पास्टर को दफनाने का आदेश सोमवार को सुनाया। जिसके बाद सोमवार को ही देर रात काे मृतक सुभाष बघेल का कफन दफन करकापाल के मसीही कब्रिस्तान में कर दिया गया।
MadhyaBharat 28 January 2025

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