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नई दिल्ली। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मसौदा नियमों के खिलाफ गुरुवार को द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) की छात्र शाखा ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और डीएमके के सांसदों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा इंडी गठबंधन के राजनीतिक दलों के नेता भी शामिल हुए।
इस माैके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन में इस बात पर एकराय है कि हर एक राज्य, हर इतिहास, हर भाषा और हर परंपरा का सम्मान किया जाना चाहिए। उनके साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए, न कि अलग-अलग। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में पहले ही कहा गया है कि शिक्षा को राज्य सूची में वापस लाया जाएगा। मंच पर मौजूद अपने सभी दोस्तों से मैं कहना चाहता हूं कि आप जो कह रहे हैं, हम उसका पूरा समर्थन करते हैं।
प्रदर्शन के दाैरान उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीजी) के मसौदा नियमों के खिलाफ डीएमके की छात्र शाखा के प्रदर्शन का समाजवादी पार्टी (सपा) अपना समर्थन देती है। सपा इस लड़ाई में उनके साथ है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह जो नई शिक्षा नीति 2020 आई है, कहीं न कहीं उद्योगपतियों को यूनिवर्सिटी देने की साजिश चल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि नई शिक्षा नीति के माध्यम से यूनिवर्सिटी में कुलपतियों की नियुक्तियां करके और उनकी ताकत बढ़ाकर राज्य सरकार को कमजोर बनाने का काम किया जा रहा है। वह इस नई शिक्षा नीति का विरोध करते हैं।
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