छतरपुर । मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला अस्पताल में लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण शनिवार तड़के एक आदिवासी युवक की तड़पकर मौत हो गई। इसके बाद गुस्साए परिजनों ने सुबह डाकखाने चौराहे पर मृतक के शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया।
करीब डेढ़ घंटे तक जाम के दौरान परिजनों ने आरोप लगाया कि सड़क हादसे के बाद युवक को अस्पताल ले जाया गया था, यहां डॉक्टर और स्टाफ ने मामूली इलाज कर वार्ड में शिफ्ट कर दिया। उसकी हालत गंभीर थी। हम इधर-उधर दौड़ लगाते रहे, लेकिन अस्पताल में किसी ने नहीं सुनी। युवक तड़पता रहा। इलाज में लापरवाही के कारण युवक की मौत हुई है। न्याय के लिए जाम लगाया है। परिजनों ने इलाज के नाम पर रुपये मांगे जाने का भी आरोप लगाया।
जानकारी के अनुसार, ग्राम ब्रजपुरा निवासी संजय आदिवासी (27) शुक्रवार को अपने परिवार के साथ रामघाट झमटुली मेले से लौट रहा था। इसी दौरान रास्ते में देवगांव में शाम करीब 7.30 बजे सामने से आ रही बाइक से टक्कर हो गई। हादसे में संजय गंभीर रूप से घायल हो गया। पत्नी अंजलि और दो बेटियां दीप्ति (7) और नित्या (5) को भी चोटें आई हैं। सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां संजय की मौत हो गई। सुबह गुस्साए परिजनों ने डाकखाने चौराहे पर जाम लगा दिया और डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की। जाम के दौरान परिजन अस्पताल में भर्ती मृतक पत्नी और बेटियों को भी घायल हालत में स्ट्रेचर पर बाहर ले आए। सूचना मिलने पर छतरपुर एसडीएम अखिल राठौर, सिटी कोतवाली थाना प्रभारी अरविंद कुजूर, सिविल लाइन थाना प्रभारी वाल्मीक चौबे मौके पर पहुंचे और परिनों को समझाइश दी गई। शनिवार सुबह 7.30 बजे सड़क पर बैठे ग्रामीण और परिजन पुलिस की समझाइश पर करीब नौ बजे उठे।
संजय के बड़े भाई नाजुक ने बताया कि शुक्रवार रात आठ बजे संजय को अस्पताल में भर्ती किया था। डॉक्टर ने मामूली इलाज किया और वार्ड में पहुंचा दिया। उसके बाद कोई डॉक्टर नहीं आया। देर रात उसकी तबीयत ज्यादा खराब हुई तो परिजन डॉक्टर के लिए पूरे अस्पताल में दौड़ते रहे। अलसुबह तीन बजे तक संजय तड़पता रहा और 3:30 बजे उसकी मौत हो गई। परिजन का कहना है कि हम लोगों ने कहा था कि अगर हालत गंभीर हो तो उसे रेफर कर दो लेकिन, किसी ने सुध नहीं ली।
सीएसपी अमन मिश्रा ने बताया कि अस्पताल में इलाज न मिलने के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसी से नाराज होकर परिजन ने छत्रसाल चौक पर जाम लगाया था। चौक बाजार रोड, जिला न्यायालय रोड, पन्ना रोड और चौबे तिराहा रोड पर दो घंटे तक कई लोग फंसे रहे। जानकारी लगने पर थाना कोतवाली और सिविल लाइन की पुलिस ने समझाइश देकर जाम को खुलवाया। उनकी मांग है कि अस्पताल प्रशासन की लापरवाही की जांच कर दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाए। मामले में सिविल सर्जन जीएल अहिरवार का कहना है कि अस्पताल में पैसे लेने और इलाज में लापरवाही के आरोप की जांच की जाएगी।