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चंडीगढ़। दिल्ली में विधनासभा चुनाव के दौरान हरियाणा पर यमुना के पानी में जहर मिलाने का आरोप लगाकर विवाद में उलझे दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी संयाेजक अरविंद केजरीवाल सोमवार को सोनीपत की अदालत में पेश नहीं हुए। केजरीवाल की जगह उनके वकील भुवेश मलिक कोर्ट पहुंचे थे।
सोनीपत में सिंचाई विभाग के एक्सईएन अभियंता आशीष कौशिक ने कोर्ट में याचिका लगाई है। जिसमें कहा गया है कि 28 जनवरी को यमुना नदी से सटे कई गांवाें के लोग सिंचाई विभाग के कार्यालय में पहुंचे। उन्होंने कहा कि यमुना नदी में जहर क्यों डाला। इससे जानवरों और लोगों की मौत हो जाएगी। लोगों से जब कारण पूछा गया तो उन्होंने सोशल मीडिया पर चल रही एक वीडियो क्लिप दिखाई। वीडियो में अरविंद केजरीवाल बयान दे रहे थे कि हरियाणा सरकार ने यमुना नदी में जहर मिलाया है। दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के अलर्ट के कारण पानी में जहर की जानकारी मिली है। जिसके चलते दिल्ली के लोगों की जान बच गई है।
अधिकारी ने याचिका में बताया कि लोगों की बात सुनने के बाद उन्होंने सबको शांत किया। उनसे कहा गया कि वायरल वीडियो में जो कहा जा रहा है, ऐसा कुछ भी नहीं है। पानी में किसी तरह का जहर नहीं है। अरविंद केजरीवाल का बयान गलत है। इसके बाद भीड़ शांत हुई और चली गई।
इसके बाद हरियाणा सरकार ने केजरीवाल के खिलाफ बीएनएस की धारा 223 के तहत क्रिमिनल शिकायत फाइल की थी। चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट नेहा गोयल की कोर्ट ने केजरीवाल को आज के लिए नोटिस जारी किया था। केजरीवाल के वकील ने अदालत को बताया कि नोटिस के साथ उन्हें सबूत नहीं मिले हैं। इस पर उन्हें सबूत और पेनड्राइव प्रोवाइड कराए गए। इसके बाद कोर्ट ने 20 मार्च को अगली सुनवाई तय की है।
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