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नई दिल्ली। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के सांसद तिरुचि शिवा और पार्टी के अन्य सांसदों ने परिसीमन के मुद्दे पर सोमवार को संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। पत्रकारों से बातचीत में तिरुचि शिवा ने केंद्र सरकार से परिसीमन प्रक्रिया का विकल्प तलाशने की अपील की और कहा कि दक्षिण भारत के राज्यों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।
प्रदर्शन के दौरान डीएमके सांसदों ने "डोंट विक्टिमाइज्ड सदर्न स्टेट्स, वी वांट जस्टिस" के नारे लगाए। इस मौके पर तिरुचि शिवा ने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया 2026 में पूरी होनी है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक नियमों के अनुसार इसे जनसंख्या के आधार पर पूरा किया जाना चाहिए। इससे पहले 42वें संशोधन और 84वें संशोधन में इसे 25 साल बाद पूरा करने का फैसला किया गया था, क्योंकि परिवार नियोजन नीतियों की प्रगति को ध्यान में रखना होगा। अगर परिसीमन की प्रक्रिया उस आधार पर पूरी की जाती है, तो तमिलनाडु सहित सभी दक्षिणी राज्यों को नुकसान होगा।
इससे पहले आज राज्यसभा में तिरुचि शिवा ने तमिलनाडु के लिए परिसीमन पर चर्चा करने के लिए राज्यसभा के बिजनेस रूल्स 267 के तहत एक नोटिस दिया था लेकिन उप सभापति ने इस नियम के तहत दिए गए सभी दलों के सदस्यों के नोटिस अस्वीकार करते हुए सदन की कार्यवाही आगे बढ़ा दी। उसके बाद इसे लेकर सदन में शोर शराबा हुआ और विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया।
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