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रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दसवें दिन साेमवार काे सदन की कार्यवाही शुरू हाेते ही विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। कांग्रेस विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर ईडी की छापेमारी का मुद्दा उठाते हुए सदन में नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में पहुंच गए। इस हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के विधायकों को निलंबित कर दिया।
प्रश्नकाल से पहले ही विपक्ष ने इस मुद्दे को सदन में उठाया और सत्ता पक्ष पर ईडी के जरिए डराने-धमकाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों ने ‘ईडी से डराना बंद करो’ जैसे नारे लगाकर विरोध जताया। इस दौरान विधानसभ अध्यक्ष ने कहा कि प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद विपक्ष को शून्यकाल के दौरान उठाए जाने काे कहा। लेकिन विपक्ष ने सदन के भीतर तेज हंगामे के साथ नारे लगाए। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। विस अध्यक्ष के व्यवस्था देने के बाद भी लगातार विपक्ष सदन के भीतर नारेबाजी करते रहा।
नारेबाजी के दौरान विपक्षी विधायक गर्भगृह तक पहुंच गए, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें निलंबित कर दिया। निलंबन के बावजूद कांग्रेस विधायक सदन के गर्भगृह में ही धरने पर बैठ गए और प्रदर्शन जारी रखा।
इस मामले में भाजपा के वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि विधानसभा में गैर-जिम्मेदारी से विपक्ष अपने दायित्व का निर्वहन कर रही है। विपक्ष अपनी बातों को नियमों के तहत उठा सकती है। सदन में छापे की बात कर कांग्रेस ने हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस को नियम, क़ायदा, क़ानून पर विश्वास नहीं है। नियमों का पालन करना कांग्रेस के सिद्धांतों में नहीं है।
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