भोपाल । मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी घोषणा की है। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि एक अप्रैल 2025 से सभी भत्तों का पुनरीक्षण 7वें वेतनमान के अनुरूप किया जाएगा। यह बदलाव 13 साल बाद हो रहा है, जिसमें सभी भत्ते 7वें वेतनमान के आधार पर दिए जाएंगे। इससे प्रदेश के साढ़े सात लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे।
वर्तमान में कर्मचारियों को मिलने वाले भत्ते 6वें वेतनमान के अनुरूप साल 2010 में तय किए गए थे। इसमें परिवहन भत्ता मात्र 200 रुपये है, जो वर्तमान में पेट्रोल की कीमत 106 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से एक हफ्ते के लिए भी पर्याप्त नहीं है। कर्मचारियों को मिलने वाले अन्य भत्तों में सचिवालय भत्ता, विकलांगता भत्ता, गृहभाड़ा भत्ता और आदिवासी क्षेत्र भत्ता शामिल हैं। इसके अलावा यात्रा भत्ता, दैनिक भत्ता, जोखिम भत्ता और पुलिस कर्मियों के लिए आहार भत्ता, सिलाई भत्ता और वर्दी धुलाई भत्ता दिया जाता है।
विभिन्न कर्मचारी संगठन लंबे समय से महंगाई के अनुरूप भत्तों में वृद्धि की मांग कर रहे थे। हालांकि नए भत्तों के लिए कर्मचारियों को अभी इंतजार करना होगा। पहले वेतनमान लागू होने के पांच साल के भीतर भत्तों में बढ़ोतरी कर दी जाती थी, लेकिन इस बार 7वें वेतनमान के लागू होने के 110 महीने बाद यह निर्णय लिया गया है।
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 4 लाख 21 हजार 32 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। देवड़ा ने एक घंटे 32 मिनट बजट भाषण पढ़ा। सरकार ने कोई नया टैक्स नहीं लगाया, लेकिन पुराने टैक्स कम भी नहीं किए। चुनाव में गेमचेंजर साबित हुई लाड़ली बहना योजना का बजट घटाकर 18,669 करोड़ कर दिया। पिछले बजट में ये 18,984 करोड़ था। हालांकि, उनको अटल पेंशन योजना से जोड़ने का ऐलान किया है।
बजट में युवाओं के लिए सबसे बड़ा ऐलान निजी क्षेत्र में तीन लाख रोजगार का किया गया है। ये रोजगार नए विकसित हो रहे 39 औद्योगिक क्षेत्रों में मिलेंगे। छात्रों के लिए पहले से चल रही लैपटॉप योजना के लिए 220 करोड़ और साइकिल के लिए 215 करोड़ का प्रावधान किया है। वित्त मंत्री ने बजट में 11 नए आयुर्वेदिक कॉलेज और अस्पताल खोले जाने की घोषणा भी की गई है। उज्जैन सिंहस्थ के लिए 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।