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नई दिल्ली । स्विट्जरलैंड की वायु गुणवत्ता से संबन्धित प्रौद्योगिकी कंपनी आईक्यूएआईआर की हालिया रिपोर्ट को आधार बनाते हुए कांग्रेस महासचिव एवं पूर्व पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है। साथ ही उन्हाेंने कुछ सुझाव दिए हैं। पार्टी नेता कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में देशभर में तेजी से वायु गुणवत्ता की स्थिति बिगड़ी है। इसके पीछे सरकार की उदासीनता व नीतिगत अराजकता है।
कांग्रेस नेता रमेश ने आरोप लगाया है कि सरकार वायु प्रदूषण से जुड़ी मृत्यु दर की समस्या को नकारती आ रही है। प्रदूषण को कम करने के लक्षित कार्यक्रमों पर्याप्त धन आवंटन, आवंटित संसाधनों का उचित उपयोग और धन के दुरुपयोग की समस्या से जुझ रहे हैं। सरकार को आगे बढ़ने के लिए स्पष्ट कदम उठाने चाहिए।
उल्लेखनीय है कि आईक्यूएआईआर की रिपोर्ट के अनुसार भारत विश्व का पांचवां सबसे प्रदूषित देश है। दुनिया के एक साै सबसे प्रदूषित शहरों में से 74 शहर भारत में हैं। मेघालय के बर्नीहाट के बाद राष्ट्रीय राजधानी (दिल्ली) विश्व का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है।
कांग्रेस महासचिव जयराम ने सुझाव दिया है कि भारत के व्यापक क्षेत्रों में वायु प्रदूषण से जुड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट को सरकार को स्वीकार करना होना चाहिए। नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम(एनसीएपी) के तहत उपलब्ध कराए जाने वाले फंड में भारी वृद्धि करनी चाहिए। ठोस ईंधन जलने, वाहनों से होने वाले उत्सर्जन और औद्योगिक उत्सर्जन जैसे उत्सर्जन के प्रमुख स्रोतों पर ध्यान पुनः केन्द्रित करना चाहिए। हर भारतीय शहर के लिए सटीक डेटा निगरानी क्षमता दी जानी चाहिए, कोयला बिजली संयंत्रों के लिए वायु प्रदूषण मानदंडों को तुरंत लागू किया जाना चाहिए। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यून (एनजीटी) की स्वतंत्रता बहाल की जानी चाहिए।
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