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लखनऊ । उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने को अभी काफी समय बचा है। लेकिन राजनीतिक पार्टियों ने अभी से अपने वोटरों को साधने के लिए चाल चलनी शुरू कर दी हैं। इसी क्रम में मंगलवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने पार्टी कार्यालय में बैठक की। इसमें बड़ी संख्या में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेता शामिल हुए। बैठक में पार्टी के जनाधार बढ़ाने व संगठन की मजबूती के साथ आने वाले चुनावों की रणनीति पर चर्चा की गई। मायावती ने कहा कि दलितों की तरह ही पिछड़े वर्ग के लोगों को भी अपमान झेलना पड़ा है। इस दौरान उन्होंने भाईचारा कमेटी का भी ऐलान किया।
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि दलितों की तरह ही अन्य पिछड़े वर्ग के प्रति केंद्र और राज्य सरकारों के जातिवादी द्वेषपूर्ण, हीन और संकीर्ण रवैये के कारण उनकी हर स्तर पर उपेक्षा, शोषण, तिरस्कार आदि का अपमान झेलना पड़ा है। इससे मुक्ति पाने के लिए बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर के संघर्ष के अनुरूप बहुजन समाज के सभी अंग को आपसी भाईचारा के आधार पर संगठित होना होगा। बसपा से जुड़े लोग अभियान के तहत गांव-गांव में जाएं। वहां पर लोगों को खासकर भाजपा, कांग्रेस और सपा आदि इन पार्टियों के दलित व अन्य पिछड़े वर्ग विरोधी चाल, चरित्र व चेहरे के साथ-साथ इनके द्वारा किए गये छलावा के प्रति लोगों को जागरूक करना होगा। क्योंकि बहुजन समाज से ताल्लुक रखने वाले यही लोग हैं, जो सरकार की गलत नितियों के कारण इस दौर में जबरदस्त महंगाई, बेरोजगारी से परेशान है। संगठित होकर इन जातिवादी पार्टियों को परास्त करके राजनीतिक सत्ता की मास्टर चाबी हासिल करना ही बहुजनों के सामने अच्छे दिन लाने का एक मात्र बेहतर विकल्प है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस, भाजपा व सपा और इनकी पीडीए जिसे लोग परिवार डेवल्पमेंट अथारिटी भी कहते हैं, इसमें ओबीसी समाज के करोड़ों बहुजनों का हित न कभी सुरक्षित था और न आगे सुरक्षित रह सकता है। 14 अप्रैल को डा. आम्बेडकर की जयंती बसपा इस बार पूरे देश में विचार संगोष्ठी के रूप में मनाएगी। उन्हें भरोसा है कि ओबीसी समाज को बसपा में जोड़ने के लिए पार्टी के लोग पूरी ईमानदारी व निष्ठा से अमल करेंगे।
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