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नई दिल्ली । वित्त वर्ष 2025-26 की शुरुआत में एक अप्रैल से ही बैंकों के कामकाज से जुड़े नियमों में कई बदलाव होने वाले हैं। नए वित्त वर्ष में होने वाले बदलावों का असर बैंक अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस, एटीएम से पैसे निकालने, सेविंग अकाउंट और एफडी अकाउंट की ब्याज दर और चेक पेमेंट सेफ्टी के साथ ही क्रेडिट कार्ड सर्विस पर भी पड़ेगा।
नए नियमों के मुताबिक अब बैंक के उपभोक्ता दूसरे बैंक के एटीएम से अधिकतम तीन बार ही मुफ्त पैसा निकाल सकेंगे। तीन ट्रांजेक्शन के बाद हर अतिरिक्त ट्रांजेक्शन पर उपभोक्ताओं को फिक्स चार्ज देना पड़ेगा। अभी तक ज्यादातर बैंक दूसरे बैंक के एटीएम से पांच बार मुफ्त पैसा निकालने की सुविधा देते हैं।
इसी तरह कई बैंकों ने मिनिमम बैलेंस के नियमों में भी बदलाव किया है। पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, भारतीय स्टेट बैंक समेत कई बड़े बैंकों ने मिनिमम बैलेंस की नई शर्तें लागू की हैं। अब बैंक के उपभोक्ताओं को शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों के आधार पर अपने बैंक खाते में अलग-अलग न्यूनतम बैलेंस मेंटेन करना पड़ेगा। मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर बैंक उपभोक्ताओं पर जुर्माना लगाया जाएगा। हालांकि, जुर्माने की राशि बैंक खाते की कैटेगरी के हिसाब से अलग-अलग होगी।
कई बैंकों ने 1 अप्रैल से ही सेविंग अकाउंट और फिक्स डिपाजिट अकाउंट के ब्याज दरों में बदलाव करने का भी ऐलान किया है। इसके मुताबिक अकाउंट में जमा राशि के आधार पर ब्याज दरों का निर्धारण किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इसके जरिए खाते में बड़ी राशि रखने वाले उपभोक्ताओं को अधिक ब्याज दिया जा सकता है। कई बैंकों ने 1 अप्रैल से क्रेडिट कार्ड सुविधा में भी कटौती करने का ऐलान किया है। आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने विस्तारा क्रेडिट कार्ड के जरिए ग्राहकों को मिलने वाले सुविधाओं में बदलाव करने का ऐलान किया है। इसके तहत मुफ्त टिकट वाउचर, माइलस्टोन रिवॉर्ड और रिन्यूवल बेनिफिट्स जैसी सुविधाएं बंद की जाएंगी।
एक्सिस बैंक ने भी 18 अप्रैल से अपने विस्तारा क्रेडिट कार्ड पर इन बदलावों को लागू करने का ऐलान किया है। इसी तरह बैंकों में धोखाधड़ी को रोकने के लिए 1 अप्रैल से पॉजिटिव पे सिस्टम (पीपीएस) लागू किया जा रहा है। इसके तहत अब 5 हजार रुपये से अधिक के चेक पेमेंट के लिए ग्राहकों को चेक नंबर, तारीख, लाभार्थी का नाम और चेक अमाउंट को वेरीफाई करना होगा। माना जा रहा है कि ऐसा होने से गलत पेमेंट और धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलेगी। इसके अलावा 1 अप्रैल से ही ज्यादातर बैंक डिजिटल बैंकिंग को अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए नई ऑनलाइन सर्विस और एआई पावर्ड चैटबॉट्स लॉन्च करने वाले हैं। इसके साथ ही डिजिटल ट्रांजेक्शन को सुरक्षित बनाने के लिए टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन और बायोमेट्रिक वेरीफिकेशन को भी मजबूत किया जा रहा है।
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