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चंडीगढ़ । पंजाब की मोहाली की अदालत ने बीमार लोगों का चमत्कार से इलाज करने वाले ईसाई धर्मगुरु पादरी बजिंदर सिंह को दुष्कर्म के एक मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। मोहाली की जिला अदालत में मंगलवार को यह सजा जज विक्रांत कुमार ने को सुनाई।
बजिंदर सिंह एक और यौन उत्पीड़न और एक अन्य महिला से मारपीट के मामलों में फंसा हुआ है। पादरी बजिंदर सिंह कथित चमत्कार से बीमारियां ठीक करने का दावा करता था।
बजिंदर सिंह पर 2018 में रेप, मारपीट और धमकी देने के मामले में मोहाली के जीरकपुर थाने में केस दर्ज हुआ था। महिला का कहना था कि वह विदेश में बसना चाहती थी। इसके लिए उसने बजिंदर से संपर्क किया। बजिंदर उसे मोहाली स्थित अपने सेक्टर 63 स्थित घर में ले गया। जहां उसके साथ रेप कर वीडियो बनाया।
इस मामले में केस दर्ज होने के बाद 2018 में ही बजिंदर सिंह को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में बजिंदर को जेल से जमानत पर छोड़ा गया। इसी महीने की शुरुआत में 3 मार्च को कोर्ट ने बजिंदर और अन्य 5 आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए थे।
28 मार्च को मोहाली कोर्ट ने इस मामले में बजिंदर सिंह को दोषी करार दिया। वहीं बाकी 5 आरोपियों, पादरी जतिंदर कुमार और अकबर भट्टी, राजेश चौधरी, सितार अली व संदीप पहलवान को बरी कर दिया। ट्रायल के दौरान एक आरोपी सुच्चा सिंह की मौत हो चुकी है। 28 मार्च को ही बजिंदर को दोषी करार दिया था। इसके बाद उसे पटियाला जेल में बंद कर दिया गया था।
कोर्ट का फैसला आने के बाद पीड़िता के वकील अनिल सागर ने बताया कि कोर्ट ने बजिंदर को सजा सुनाते हुए कहा कि उसे अंतिम सांस तक जेल में रहना होगा।
सजा से बचने के लिए पादरी बजिंदर ने अदालत को कहा कि उनके बच्चे छोटे हैं। पत्नी बीमार है। मेरी टांग में रॉड पड़ी हुई है, इसलिए मुझ पर रहम किया जाए। मगर कोर्ट ने उसकी दलीलों को खारिज कर दिया।
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