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नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन को बड़ा झटका देते हुए एक और समूह जम्मू-कश्मीर मास मूवमेंट ने भी ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एपीएचसी) से अपने सभी संबंध तोड़ लिए हैं। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद का रास्ता छोड़ने वाले संगठनों की संख्या 12 तक पहुंच गई है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पोस्ट में यह जानकारी दी।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार के तहत जम्मू-कश्मीर में एकता की भावना व्याप्त है। हुर्रियत से जुड़े एक अन्य संगठन जम्मू-कश्मीर मास मूवमेंट ने अलगाववाद को खारिज करते हुए भारत की एकता के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता की घोषणा की है। मैं उनके इस कदम का तहे दिल से स्वागत करता हूं। अब तक हुर्रियत से जुड़े 12 संगठन अलगाववाद से अलग हो चुके हैं और भारत के संविधान पर भरोसा जता चुके हैं। यह प्रधानमंत्री मोदी के एक भारत श्रेष्ठ भारत के सपने की जीत है।
उल्लेखनीय है कि यह घटनाक्रम केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा मीरवाइज उमर फारूक की अध्यक्षता वाली अवामी एक्शन कमेटी (एसीसी) और मसरूर अब्बास अंसारी की अध्यक्षता वाले जम्मू-कश्मीर इत्तेहादुल मुस्लिमीन (जेकेआईएम) पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित करने के कुछ दिनों बाद शुरू हुआ था।
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