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नई दिल्ली । महंगाई के मोर्चे पर राहत देने वाली खबर है। मार्च महीने में थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित थोक महंगाई दर घटकर 2.05 फीसदी पर आ गई है। इससे पहले नवंबर में थोक महंगाई 1.89 फीसदी रही थी, जबकि फरवरी में यह 2.38 फीसदी पर थी। यह 4 महीने का निचला स्तर है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को जारी आंकड़ों में बताया कि रोजाना की जरूरत के सामान की कीमतों के घटने से थोक महंगाई दर में गिरावट दर्ज हुई है। डब्ल्यूपीआई पर महंगाई मार्च में घटकर 2.05 फीसदी रही है। हालांकि, सालाना आधार पर इसमें वृद्धि हुई है, जो मार्च 2024 में 0.26 फीसदी रही थी। मार्च, 2025 में थोक महंगाई दर सालाना आधार पर खाद्य उत्पादों, अन्य विनिर्माण, खाद्य वस्तुओं, बिजली एंव कपड़ा विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण बढ़ी है। थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार खाद्य मुद्रास्फीति मार्च में घटकर 1.57 फीसदी रह गई, जबकि फरवरी में यह 3.38 फीसदी रही थी।
मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक थोक महंगाई दर में गिरावट की मुख्य वजह सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट रही है। हालांकि, विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति मार्च में बढ़कर 3.07 फीसदी हो गई, जबकि फरवरी में यह 2.86 फीसदी थी। इसके अलावा ईंधन तथा बिजली में भी वृद्धि देखी गई और मार्च में यह 0.20 फीसदी रही।
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