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नई दिल्ली । पहलगाम आतंकी हमले के बाद से विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की ओर से ऊल-जलूल बयानों की बाढ़ आ गई है। इसी क्रम में कांग्रेस के एक नेता (मणिशंकर अय्यर) ने शनिवार को एक विवादास्पद टिप्पणी की, जिसे लेकर अय्यर और कांग्रेस सत्तारूढ़ भाजपा-नीत एनडीए के निशाने पर आ गए। नतीजतन, कांग्रेस की हो रही किरकिरी के मद्देनजर पार्टी महासचिव (संचार) जयराम रमेश को डैमेज कंट्रोल के लिए आगे आना पड़ा। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी तथा एआईसीसी पदाधिकारियों के विचार ही कांग्रेस के आधिकारिक बयान हैं। इनके अलावा कांग्रेस के जो अन्य नेता मीडिया में बयान दे रहे हैं, वे उनके निजी बयान हैं।
रविशंकर प्रसाद के इन तीखे सवालों के चंद घंटे के अंदर ही कांग्रेस को डैमेज कंट्रोल के लिए आधिकारिक बयान जारी करना पड़ा। पार्टी महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस कार्य समिति ने 24 अप्रैल 2025 को बैठक की और दो दिन पहले पहलगाम में पर्यटकों पर हुए बर्बर आतंकी हमले पर एक प्रस्ताव पारित किया। इसके बाद 25 अप्रैल 2025 को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सर्वदलीय बैठक में भाग लिया और पार्टी का पक्ष रखा। कांग्रेस के कुछ नेता मीडिया से चर्चा कर रहे हैं। वे केवल अपनी व्यक्तिगत राय रखते हैं, वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते। ऐसे अत्यंत संवेदनशील समय में इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि केवल कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का प्रस्ताव, मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी द्वारा व्यक्त विचार और अधिकृत एआईसीसी पदाधिकारियों के विचार ही कांग्रेस की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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