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सतना । मध्य प्रदेश के सतना जिला अंतर्गत आने वाले जैतवारा थाने में ड्यूटी के दौरान गोली लगने से घायल हुए प्रधान आरक्षक प्रिंस गर्ग 11 दिन जिंदगी से जंग लड़ने के बाद आखिरकार हार गए। शुक्रवार को उन्होंने दिल्ली के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। शनिवार सुबह 6 बजे उनका पार्थिव शरीर सतना के महदेवा स्थित उनके निवास पर लाया गया, जहां महदेवा मुक्तिधाम में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके चचेरे छोटे भाई कपिल गर्ग ने उन्हें मुखाग्नि दी।
अंतिम यात्रा में सतना कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार, एसएसपी आशुतोष गुप्ता, एएसपी शिवेश सिंह, नगर पुलिस अधीक्षक, आरआई देविका सिंह, जिले के तमाम थाना प्रभारी और सैकड़ों की संख्या में पुलिसकर्मी शामिल हुए। साथी जवानों ने उन्हें कंधा दिया और पुलिस विभाग ने गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए सलामी दी। मुखाग्नि छोटे भाई कपिल गर्ग ने दी। प्रिंस गर्ग अपने पीछे पत्नी, 8 साल का बेटा और 6 साल की बेटी छोड़ गए हैं। वे अपने माता-पिता अवध बिहारी गर्ग और मालती देवी के इकलौते बेटे थे।
एसपी आशुतोष गुप्ता ने बताया कि पूरा पुलिस मोहकमा शोक में है। हम सब दिवंगत प्रिंस के परिवार के साथ है। पत्नी को अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। शहीद के दर्जे के साथ 1 करोड़ रुपए राज्य सरकार देगी। 5 दिन पहले राज्य सरकार ने इलाज के लिए 9 लाख 60 हजार पहले ही दिए जा चुके है। इलाज में जितना खर्च अभी तक हुआ है वो भी रिफंड किया जाएगा।
बता दें कि घटना बीती 28-29 अप्रैल की रात की है, जब आरोपी अच्छू शर्मा ने थाना परिसर के बैरक में घुसकर प्रिंस गर्ग को गोली मार दी थी।बदमाश ने उनपर हमला उस समय किया जब वो भोजन कर रहे थे। गोली कॉलर बोन के नीचे से आर-पार हो गई। पहले जिला अस्पताल सतना, फिर मेडिकल कॉलेज रीवा और अंत में 7 मई को हालत बिगड़ने पर एयरलिफ्ट कर दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल ले जाया गया। लगातार कोशिशों के बावजूद 9 मई को सुबह 8 बजे उनकी मौत हो गई।
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