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गुवाहाटी । असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की पत्नी को लेकर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस नेता रिपुन बोरा ने "चौंकाने वाला कबूलनामा" किया है। सरमा का दावा है कि बोरा ने स्वीकार किया कि गोगोई की ब्रिटिश नागरिक पत्नी पाकिस्तान सरकार की पेरोल पर थीं।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह खुलासा “राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद गंभीर और चिंताजनक” है। उन्होंने सोमवार को कहा कि एक ऐसे व्यक्ति की उपस्थिति, जो कथित रूप से भारत विरोधी देश से जुड़ा हो, एक मौजूदा सांसद के परिवार में होना देश की संस्थाओं की अखंडता के लिए खतरा है।
सरमा ने जानकारी दी कि इस मामले में रिपुन बोरा का बयान दर्ज किया जाएगा और आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने दोहराया कि “राष्ट्रीय सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।”
उधर, कांग्रेस पार्टी ने रविवार को इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि यह मुख्यमंत्री सरमा की राजनीतिक असुरक्षा का नतीजा है, जो उन्हें 2026 के विधानसभा चुनावों को लेकर सता रही है।
राज्य की कांग्रेस इकाई का कहना है कि सरमा को आशंका है कि अगर पार्टी गौरव गोगोई को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाती है तो भाजपा को सत्ता से बाहर होना पड़ सकता है।
जिस रिपुन बोरा के बयान का हवाला सरमा दे रहे हैं, उन्होंने खुद मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सरमा गौरव गोगोई को अपना मुख्य प्रतिद्वंद्वी मानते हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में जोरहाट से गोगोई की जीत और लोकसभा में लगातार दूसरी बार विपक्ष के उपनेता बनने से उनकी राजनीतिक हैसियत बढ़ी है, जिससे मुख्यमंत्री की बेचैनी और बढ़ गई है।
रिपुन बोरा ने यह भी सवाल उठाया कि इस मामले की जांच करने वाली विशेष जांच टीम (एसआईटी) सिर्फ असम तक सीमित है और न तो पाकिस्तान और न ही भारत में उसके दूतावास की जांच करने का अधिकार रखती है।
रिपुन बोरा ने गौरव गोगोई को सलाह दी कि वे सोशल मीडिया या किसी अन्य माध्यम से मुख्यमंत्री के आरोपों का जवाब न दें, बल्कि जरूरत होने पर केवल जांच एजेंसियों के समक्ष ही अपनी बात रखें।
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