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खैरागढ़-छुईखदान-गंडई । खरीफ सीजन 2025 के अंतर्गत जिले में कृषि गतिविधियाँ पूरे जोर पर हैं। खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में खरीफ फसलों की बोनी लगभग पूर्ण हो चुकी है और अब धान की रोपाई का कार्य प्रारंभ हो गया है। ऐसे में कृषकों को खाद और बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने प्रशासन द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर तथा कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल के मार्गदर्शन में खाद-बीज की आपूर्ति, भंडारण और वितरण व्यवस्था की नियमित समीक्षा की जा रही है। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पंजीकृत किसानों को सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से समय पर खाद-बीज उपलब्ध कराया जाए, जिससे खेती-किसानी में किसी प्रकार की बाधा न आए।
जिले में वर्तमान में डीएपी खाद की मांग अधिक है, किंतु सीमित आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए इसके विकल्प के रूप में सिंगल सुपर फास्फेट (SSP) और एनपीके खाद को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन विकल्पों को लोकप्रिय बनाने के लिए कृषि विभाग द्वारा समितियों में प्रचार-प्रसार हेतु बैनर व पोस्टर लगाए गए हैं।
अब तक जिले की सहकारी समितियों में कुल 22,281 मीट्रिक टन विभिन्न प्रकार के खाद की आपूर्ति हुई है, जिसमें से 18,125 मीट्रिक टन खाद का वितरण किसानों को किया जा चुका है। वर्तमान में 2134 मी.टन सुपर फास्फेट और 564 मी.टन एनपीके खाद समितियों एवं डबल लॉक में उपलब्ध हैं।
बीज वितरण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है। खरीफ 2025 के लिए 6090 क्विंटल बीज का लक्ष्य निर्धारित था, जिसके विरुद्ध 6201 क्विंटल बीज का भंडारण कर सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से कृषकों को वितरण किया गया।
कलेक्टर चन्द्रवाल ने कृषकों से अपील की है कि समितियों में उपलब्ध खाद-बीज का शीघ्र उठाव करें और उन्नत कृषि के लिए डीएपी के विकल्प के रूप में एसएसपी एवं एनपीके खाद का उपयोग कर बेहतर उत्पादन प्राप्त करें।
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