गांधीनगर । वडोदरा और आणंद के बीच महिसागर नदी पर बना गंभीरा पुल हादसे के बाद तीसरे दिन के रेस्क्यू अभियान में तीन ट्रक और एक बाइक को नदी से बाहर निकाला गया। इसी बीच नदी में दाे शव और मिले हैं, जबकि एक घायल की अस्पताल में मौत हो गई। इससे इस हादसे में मरने वालों की संख्या 21 हो गई है। इसी बीच राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने घटनास्थल का दौरा किया। मंत्री ने बताया कि
प्रारंभिक जांच में पुल का पेडेस्टल व आर्टिक्युलेशन ध्वस्त हाेने से हादसा हुआ है। बाद में मंत्री पटेल अस्पताल पहुंचकर घायलों से मिले और उनका
हाल चाल जाना।
दरअसल, वडोदरा और आणंद के बीच नदी पर बना गंभीरा पुल अचानक यातायत के बीच 9 जुलाई को ढह गया था, जिससे कई वाहन नदी में गिर
गए थे, जिससे 18 लोगों की मौत हो गई थी और दो लोग लापता हो गए थे। दुर्घटना के बाद नदी से लाेगाें काे निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान
चलाया गया था। शुक्रवार काे तीसरे दिन भी रेस्क्यू अभियान जारी रहा है। नदी से तीन ट्रक और एक बाइक को बाहर निकाला गया। यहां दाे शव और मिले हैं। ट्रक में मौजूद सल्फ्यूरिक एसिड नदी में फैलने के कारण रेस्क्यू में मुश्किलें आ रही हैं। हादसे के 50 घंटे बाद भी रेस्क्यू पूरा नहीं हाे सका। आशंका है कि नदी में गिरे ट्रक के नीचे कुछ लोग दबे हो सकते हैं।
इसी बीच दुर्घटना में घायल बोरसद तालुका के दहिवन गांव निवासी नरेन्द्र सिंह रतनसिंह परमार की सयाजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। दो शव पानी में फंसे दिखे हैं। इस तरह हादसे में मृतकों की कुल संख्या 21 हो गई है।
पेडेस्टल व आर्टिक्युलेशन क्रश होने से गिरा गंभीरा पुल: मंत्री ऋषिकेश पटेल
इसी बीच स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने वडोदरा जिले के पादरा तालुका के मुजपुर में स्थित घटनास्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के आदेश पर सड़क और भवन विभाग इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कर रहा है। उन्हाेंने बताया कि जांच समिति की प्राथमिक रिपोर्ट के अनुसार पेडेस्टल और आर्टिक्युलेशन क्रश होने के कारण यह ब्रिज गिरा है। मंत्री पटेल ने कहा कि सड़क और भवन विभाग की जांच समिति 30 दिन में विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी। इसकी जांच रिपाेर्ट तकनीकी और प्रशासनिक कारणों के साथ मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी, जिसके आधार पर आगे के निर्णय लिए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि प्राथमिक दृष्टि से जहां भी लापरवाही सामने आई है, उसके लिए जिम्मेदार सड़क और भवन विभाग के चार अधिकारियों को राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। आगे भी दाेषियाें के खिलाफ कार्रवाई होगी। मंत्री पटेल ने कहा कि दुर्घटना के बाद नदी में
गिरे वाहनाें की खोजबीन कार्य अंतिम चरण में है। गिरे वाहनों को बाहर निकाल लिया गया है और मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं। पूरा प्रशासनिक तंत्र ने तेजी और संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रहा है।
मंत्री ऋषिकेश पटेल ने सयाजी अस्पताल पहुंचकर घायलों के हालचाल जाने। उन्होंने कहा कि मौके पर बचाव कार्य में कोई दिक्कत न आए, इसलिए आज उन्हाेंने रेलवे अधिकारियों के साथ घटनास्थल का जायजा लिया है। उन्हाेंने बताया कि नदी में एक शव अभी भी दिखाई दे रहा है, जिसे निकाला जा रहा है। उन्हाेंने कहा कि अधिकारियों को 30 दिन के भीतर घटना की जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।
इसी बीच प्रशासन से एक बयान जारी कर बताया गया कि आज मिले लापता व्यक्तियों में दो शव भी शामिल हैं। नीचे ज़्यादातर कोई और गाड़ी नहीं है। बाइकें हैं और ज़्यादातर बाइक सवारों का पता लगा लिया गया है, इसलिए वहाँ कोई और गाड़ी होने की संभावना कम है। आज जो दो शव बचे हैं, उन्हें पहले निकालने को प्राथमिकता दी जाएगी। उसके बाद, पुल के स्लैब को तोड़ने का काम किया जाएगा और नीचे से बची हुई सारी सामग्री और संपत्ति निकाली जाएगी। साथ ही, नदी के पानी में सल्फ्यूरिक एसिड के टैंक को बेअसर करने की कोशिश की जाएगी।