Since: 23-09-2009
रायपुर । छत्तीसगढ़ में स्टेट जीएसटी विभाग ने शनिवार को राज्य के बिलासपुर, कोरबा, दुर्ग, रायगढ़ और जगदलपुर में 25 से अधिक स्थानों पर छापामार कार्रवाई की है। यह कार्रवाई गुटखा, कपड़ा, जूता, ट्रांसपोर्ट और ट्रेडिंग सेक्टर की फर्मों के खिलाफ की गई। जांच में पता चला कि वर्ष 2017-18 से 2024-25 तक करोड़ों का टर्नओवर दिखाया गया है, लेकिन नकद कर भुगतान शून्य है। ई-वे बिलों की पड़ताल में यह भी सामने आया कि माल उपभोक्ताओं को बेचा गया लेकिन बिल अन्य व्यवसायियों के नाम पर काटे गए।
जीएसटी के स्पेशल कमिश्नर टीएल ध्रुव ने बताया कि जांच के दौरान अधिकारियों को बोगस इनवॉइसिंग, कच्चे में लेन-देन और जीएसटी चोरी से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। कई फर्मों में टैली या अन्य अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। जांच में इन संस्थानों पर करीब 10 करोड़ की पेनाल्टी तय की जा रही है और नोटिस जारी कर दिए गए हैं। जीएसटी की टीम ने दो थोक ड्रायफ्रूट विक्रेताओं और जूता कारोबारियों के यहां भी कार्रवाई कर दस्तावेज, लैपटॉप, कंप्यूटर और बिक्री रजिस्टर जब्त किए हैं। डिजिटल डेटा की गहन जांच के बाद टैक्स चोरी की पुष्टि हुई है।
सरकारी पोर्टल के अनुसार, जिन फर्मों पर छापेमारी हुई उनका रिस्क स्कोर 10 था, लेकिन नगद टैक्स भुगतान शून्य पाया गया। ई-वे बिल की जांच में खुलासा हुआ कि सामान सीधे आम ग्राहकों को बेचा गया, लेकिन बिल फर्जी व्यापारियों के नाम पर बनाए गए, जिससे इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी ) का गलत फायदा उठाया गया।
MadhyaBharat
|
All Rights Reserved ©2025 MadhyaBharat News.
Created By:
Medha Innovation & Development |