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रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन ही साेमवार काे सदन में जमकर हंगामा हुआ। राजस्व निरीक्षक विभागीय भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के मुद्दे पर सत्ता और विपक्ष में तीखी नाेंक झाेंक हुई। सवाल-जवाब के दौरान हंगामे की स्थिति बन गई।
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक राजेश मूणत ने राजस्व विभाग की परीक्षा में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया। इस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब देते हुए भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी स्वीकार की, सदन में उन्होंने पांच सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट में अनियमितताएं प्रमाणित हुई हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि ईओडब्ल्यू को 40 बिंदुओं पर जांच के लिए पत्र लिखा गया है।
राजेश मूणत ने गड़बड़ी के लिए पिछली सरकार को जिम्मेदार ठहराया, तो विपक्ष भड़क गया और जोरदार नारेबाजी करने लगा। कांग्रेस विधायकों ने सदन में कहा कि, परीक्षा तो मौजूदा भाजपा सरकार में ही जनवरी 2024 में आयोजित हुई थी, ऐसे में पिछली सरकार पर आरोप लगाना गलत है।
वहीं, भाजपा के वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर ने सदन में बड़ा सवाल उठाया कि, ईओडब्ल्यू/एसीबी जांच के आदेश किसके द्वारा दिए गए? इसके जवाब में मंत्री टंकराम वर्मा उनके सवाल का जवाब नहीं दे पाए और फिर विभाग ने स्वयं जांच का निर्णय लेने बताया।
इस बीच सदन का माहौल तब और गरमा गया, जब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मामले की सीबीआई जांच से कराने की। आरोप-प्रत्यारोप के इस दौर में कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
उल्लेखनीय है कि सितंबर 2023 में इस परीक्षा के लिए विज्ञापन जारी हुआ था, जनवरी 2024 में परीक्षा आयोजित हुई और फरवरी 2024 में परिणाम घोषित किए गए थे। इसी बीच राज्य में सरकार बदल चुकी थी। इस पृष्ठभूमि में राजस्व निरीक्षक भर्ती मामला अब छत्तीसगढ़ की राजनीति का एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। हाांकि, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने भरोसा दिलाया है कि, आगामी विधानसभा सत्र से पहले इस मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो जाएगी।
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