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संसद के कामकाज में एआई का प्रवेश
new delhi, Entry of AI ,working of Parliament

नई दिल्ली । संसद के मानसून सत्र में लोकसभा के कामकाज में आर्टिफीशियल इन्टेलीजेंस(एआई) आधारित डिजीटलीकरण का अगला चरण लागू किया जाएगा, जिसमें दो नई भाषाओं में अनुवाद की सेवा और सांसदों की उपस्थिति डिजीटली दर्ज करना शामिल है

लोकसभा सचिवालय के अधिकारियों ने आज बताया कि इस सत्र से लोकसभा में सांसदों को हाजिरी लगाने के लिए रजिस्टर में हस्ताक्षर करने के अलावा में सदन में उनके लिए आवंटित सीट पर मल्टीमीडिया माध्यम से बायोमेट्रिक ढंग से (अंगूठे या उंगली के निशान से) अथवा पिन नंबर दर्ज करके हाजिरी लगाने की सुविधा उपलब्ध होगी। आने वाले समय में रजिस्टर पर हस्ताक्षर की परंपरा को बंद करके केवल डिजीटल माध्यम से हाजिरी लगाने का प्रक्रिया अपनायी जाएगी
अधिकारियों ने यह भी बताया कि लोकसभा में इस समय 17 भाषाओं में अनुवाद की सेवा उपलब्ध है। सांसदों को सदन में जिस भाषा में बोलना होता है, उसके बारे में एक निश्चित अवधि पहले टेबल ऑफिस को नोटिस दिया जाता रहा है। अब नोटिस की जरूरत नहीं होगी। पहले क्षेत्रीय भाषा में दिये गये उद्बोधन का अंग्रेज़ी में और फिर अंग्रेज़ी से हिन्दी या अन्य भाषाओं में अनुवाद होता था। लेकिन अब आर्टिफीशियल इन्टेलीजेंस के माध्यम से किसी भी भाषा से किसी भी भाषा में सीधे अनुवाद की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। उन्होंने कहा कि संसद के मानसून सत्र से सिंधी समेत दो भाषाओं को और जोड़ा जा रहा है
अधिकारियों ने कहा कि मौजूदा व्यवस्था में संसद के दोनों सदनों में रिपोर्टर बैठे होते हैं जो आशुलिपि के माध्यम से सांसद के हूबहू वक्तव्य को दर्ज करते हैं। अब एआई की मदद से सांसदों के वक्तव्य को तकनीक के सहारे दर्ज करने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि हाल में पंचायतीराज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के लिए हरियाणा के मानेसर में आयोजित कार्यक्रम और आदिवासी पंचायत प्रतिनिधियों के साथ लोकसभा अध्यक्ष की बैठक में उनकी बातचीत को एआई टूल के माध्यम से प्रतिलेख तैयार किया गया था जो बहुत कामयाब एवं त्रुटिरहित रहा। इस सत्र में इस प्रयोग को रिपोर्टरों के समानान्तर किया जाएगा और यदि यह सफल रहा तो भविष्य में इसे पूर्ण रूप से क्रियान्वित किया जाएगा। इस तरह से सांसदों के वक्तव्यों का प्रतिलेख अविलंब उपलब्ध हो सकेगा जो मौजूदा व्यवस्था में उपलब्ध कराने में घंटों लग जाते हैं। इससे मीडिया में रिपोर्टिंग भी आसान और त्वरित हो सकेगी
वर्तमान में संसद के डिजीटलीकरण में आवश्यक दस्तावेज, प्रश्नों के उत्तर, विधेयक की प्रतियां, विभिन्न समितियों की रिपोर्ट आदि सांसदों को अब डिजीटल प्रारूप में उन्हें उपलब्ध कराये गये आईपैड पर भेजे जाते हैं। अनेक संसदीय प्रक्रियाओं को ऑनलाइन किया जा चुका है। अनेक सांसद विभिन्न अवसरों पर चर्चा में भाग लेने के लिए अपने नोट्स आईपैड पर ले कर आते हैं। संसद के पुस्तकालय को भी डिजीटल स्वरूप दिया जा चुका है और सांसद किसी भी सामग्री को ऑनलाइन हासिल कर सकते हैं
MadhyaBharat 14 July 2025

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