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नई दिल्ली । संसद के मानसून सत्र के पहले ही दिन विपक्ष और सरकार के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। "ऑपरेशन सिंदूर" और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कथित सीजफायर वाले दावे को लेकर विपक्ष ने सरकार से जवाब मांगा है, जिसके चलते दोनों सदनों में भारी हंगामा हुआ। इसे लेकर सदन की कार्यवाही को भी स्थगित करना पड़ा। इस मुद्दे को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर विपक्ष की आवाज को दबाने का आरोप लगाया और अपनी नाराजगी जाहिर की।
सदन से बाहर पत्रकाराें से वार्ता के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि संसद में केवल सरकार के मंत्रियों को बोलने दिया जा रहा है, जबकि विपक्ष के नेताओं को अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा कि मैं नेता विपक्ष हूं, मेरा संवैधानिक हक है कि मैं सदन में बोलूं, मगर मुझे बोलने नहीं दिया जा रहा। यह सरकार की एक नई रणनीति है, जो लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है। राहुल गांधी ने कहा कि बार-बार चेयर की ओर से कहा जा रहा है कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन वास्तव में चर्चा तभी होगी, जब विपक्ष को बाेलने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि संसदीय परंपराएं यह कहती हैं कि अगर सरकार पक्ष के नेता बोल सकते हैं, तो विपक्ष को भी समान अवसर मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम सिर्फ दो शब्द कहना चाहते थे, मगर विपक्ष की इसकी अनुमति नहीं है।
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