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स्कूलों की बदहाली उजागर करने एनएसयूआई ने लांच किया प्रदेशव्यापी स्कूलों की पोल खोल अभियान
bhopal, expose the poor condition , schools

भाेपाल । केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के यू-डाइस डेटा और हाल ही में हुई पीएबी बैठक में प्रस्तुत राज्य रिपोर्ट ने मध्यप्रदेश की स्कूली शिक्षा की गंभीर स्थिति को उजागर किया है। जिसकाे लेकर अब एनएसयूआई ने प्रदेश के स्कूलाें की बदहाली काे उजागर करने के लिए माेर्चा खाेल दिया है। एनएसयूआई मध्य प्रदेश ने शुक्रवार काे एक प्रदेशव्यापी अभियान “स्कूलों की पोल खोल” लॉन्च किया गया, जिसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों की जमीनी सच्चाई को सामने लाना और बच्चों के भविष्य से हो रहे मज़ाक पर सरकार से जवाब माँगना। इस अभियान के तहत संगठन ने एक व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया है, जिस पर छात्र, अभिभावक और जागरूक नागरिक अपने क्षेत्र के स्कूलों की तस्वीरें, वीडियो और समस्याएं भेज सकते हैं। ये सभी तथ्य एकत्र कर सरकार को घेरने और शिक्षा बजट के सही उपयोग की माँग को लेकर दबाव बनाया जाएगा।

एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता आयोजित कर इस अभियान की औपचारिक घोषणा करते हुए कहा कि सरकार सिर्फ नाम बदलने में व्यस्त है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि बच्चों के सिर पर ढंग की छत तक नहीं है। 12,200 स्कूलों में सिर्फ एक शिक्षक हैं, 9,500 स्कूल आज भी बिजली से वंचित हैं और 1,700 से अधिक स्कूलों में शौचालय नहीं हैं – क्या इसी ‘डबल इंजन सरकार’ के वादे थे? करोड़ों की स्कूल बिल्डिंग में ताले लटक रहे हैं और शिक्षकों की तनख्वाहें बच्चों की गैरमौजूदगी में दी जा रही हैं। ये भ्रष्टाचार नहीं, बच्चों के भविष्य की हत्या है। प्रदेश की राजधानी भोपाल के जहांगीरिया स्कूल जहाँ से देश के पूर्व राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा जी पढ़े आज वहां छत से प्लास्टर गिरता है और पूरा फ्लोर प्रवेश वर्जित है।

चौकसे ने शिक्षा मंत्री पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मंत्री के गृह जिले नरसिंहपुर के स्कूलों में 8 साल से छात्र नहीं, लेकिन शिक्षक लाखों वेतन ले रहे हैं, इसी प्रकार रायसेन के चांदबड़ गांव में एक करोड़ की लागत से बना स्कूल भवन 8 साल से बंद पड़ा है। उन्होंने सरकार से शिक्षा बजट की पारदर्शिता सुनिश्चित करने एवं सभी स्कूलों की बुनियादी सुविधाएं तुरंत मुहैया करवाई जाने की मांग की। एनएसयूआई ने इस कैंपेन को लीड करने की जिम्मेदारी तनय शर्मा, गगन सिंह, अमन पठान को दी गई है। उक्त प्रेस वार्ता के दौरान विदुषी शर्मा, वंश कनोजिया, नबील असलम, शिवांश तोमर आदि एनएसयूयाई कार्यकर्ता मौजूद रहे।

रिपाेर्ट के प्रमुख तथ्य:
* 12,200 स्कूलों में केवल 1 शिक्षक
* 9,500 स्कूलों में बिजली नहीं
* 1,700+ स्कूलों में शौचालय नहीं
* 1,022 स्कूल पूरी तरह जर्जर
* सांदीपनि स्कूल जैसी झूठी ब्रांडिंग, बच्चे टीन की छत के नीचे टपकते पानी में पढ़ने के लिए मजबूर
* करोड़ों का बजट, फिर भी अधूरे क्लासरूम और खाली भवन

MadhyaBharat 25 July 2025

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